राष्ट्रीय (29/03/2015) 
कुण्डली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस वे परियोजना,अगले माह से फिर से शुरू-मनोहर लाल
 पिछले लगभग 2 सालों से अधिक समय से पूरी तरह से ठप्प पड़ी और पांच साल की देरी से चल रही कुण्डली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे परियोजना, जो सोनीपत, झज्जर, गुडग़ांव, मेवात और पलवल जिलों से होकर जाती है, अगले माह से फिर से शुरू होगी। अब यह एक्सप्रैस-वे 4 लेन की बजाए 6 लेन का होगा। 
    यह खुलासा शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करते हुए कहा कि मानेसर-पलवल खण्ड का कार्य जल्द ही शुरू किय जाएगा जबकि कुण्डली- मानेसर खण्ड  के लिए लगभग तीन माह में शुरू किया जाएगा और यह खण्ड एक साल से कम समय में पूरा कर लिया जाएगा। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस सपने को सच करने के लिए कई कदम उठाए हैं। हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम ने आज मानेसर-पलवल-खण्ड का कार्य मद दर आधार पर आबंटित किया है, जो जल्द ही शुरू किया जाएगा। कुण्डली-मानेसर खण्ड के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं और इस खण्ड का कार्य आगामी तीन महीनों में शुरू किए जाने की उम्मीद है।   
सर्वोच्च न्यायालय के 30 जनवरी, 2015 के आदेशों की अनुपालना के तहत सरकार ने छूट प्राप्तकर्ता को रदद करने तथा नये छूट प्राप्तकर्ता को रखने का निर्णय लिया। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा की गई पहलों के अन्तर्गत कुण्डली-मानेसर-पलवल एक्सप्रैस-वे परियोजना को अब नये सिरे से शुरू किया गया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि एचएसआईआईडीसी ने मानेसर-पलवल-खण्ड का कार्य मद दर आधार पर आबंटित किया है, जो जल्द ही शुरू किया जाएगा, जबकि बीओटी (टोल) आधार पर कोई बोली प्राप्त नहीं हुई है, मानेसर-पलवल खण्ड के लिए तीन बोलियां मद दर आधार पर प्राप्त हुई हैं। मई 2015 तक कुण्डली मानेसर खण्ड के लिए बोलियां बीओटी (एन्युटी) आधार पर आमंत्रित की जा रही है। इन पहलों के तहत यह माना जा रहा है कि इस खण्ड का कार्य आगामी तीन माह के अंदर-अंदर शुरू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विलम्बित परियोजना के पूर्ण होने से उत्तरी हरियाणा को दक्षिणी हरियाणा के जिलों जैसेकि गुडग़ांव, फरीदाबाद और पलवल को जोडऩे में हाई-स्पीड कनैक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में देश के  उत्तरी भागों तथा अन्य क्षेत्रों से आने वाले वाहनों की कमी होगी और उन्हें दिल्ली से होकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ-दिल्ली में प्रदूषण में कभी आएगी।
इस परियोजना को समयवद्घ अवधि में पूरा करने हेतु सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इस परियोजना के शेष कार्य के लिए बीओटी (टोल) आधार पर बोलियां आमंत्रित की हैं तथा मानेसर-पलवल खण्ड (83.320 से 135.650 किलोमीटर) के लिए मद दर आधार पर बोलियां आमंत्रित की गई हैं। बढ़ते यातायात के मद्देनजर सरकार ने इस एक्सप्रैस-वे को चार लेेन की बजाय 6 लेन बनाने का निर्णय लिया है।
केएमपी एक्सप्रैस-वे परियोजना के विकास का कार्य वर्ष 2006 में शुरू किया गया था। यह परियोजना बिल्ट-ओपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर मैसर्ज केएमपी एक्सप्रैस-वे लि० के साथ छूट समझौता किया। वास्तविक समयावधि के अनुसार यह परियोजना 29 जुलाई, 2009 तक पूरी की जानी थी, परंतु विभिन्न छूट प्राप्तकर्ताओं की कमियों की बजह से यह परियोजना निर्धारित समय पर पूरी नहीं हो सकी। पिछले दो वर्षों से अधिक समयावधि से यह परियोजना बंद पड़ी है। 
Copyright @ 2019.