राष्ट्रीय (28/03/2015) 
उपस्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ धुल ही धुल
कैथल: नरड़ गांव का उपस्वास्थ्य केन्द्र के बन्द रहने से ग्रामीणों में जिला प्रशासन के खिलाफ रोष है। जिस कारण से लोगों को गांव में झोला छाप डाक्टरों की शरण में जाने को मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार के द्वारा जनता ग्रामीण स्तर पर अच्छी चिकित्सा सुविधा देने की घोषणा करती है, परन्तु यह घोषणा केवल फाइलों में गुम होकर रह गई। घोषणा के बाद भी गांव में चिकित्सा के लिये उपस्वास्थ्य केन्द्र तो खोले जाते है, परन्तु उनमें चिकित्सक नही होते जिससे वे अक्सर बन्द पड़े रहते है। यह भी हो सकता है कि इन उपस्वास्थ्य केन्द्रों में बन्द रहने के बावजूद चिकित्सकों की नियुक्ति दिखा कर कही सरकार को मोटा चुना तो नही लग रहा है।  गांव नरड़ में खुला उप स्वास्थ्य केन्द्र महिलाओं व लोगों को चिकित्सा के देने के लिये खोला गया है और यह चिकित्सालय मात्र तीन दिन खुलने के बाद अब बन्द पड़ा हुआ है। उसमें जाने के लिये रास्ते पर अवैध कब्जे है और बीच रास्ते में ही लोग खुले में ही शौच जाते है। पंचायत भवन में बना यह उपस्वास्थ्य केन्द्र अब धुल फांक रहा है। ग्रामीणों को अपनी छोटी सी बीमारी के लिये या तो झोला छाप चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ता है या फिर दूर कैथल शहर में जाना पड़ता है। ग्रामीण धर्मेन्द्र, राजपाल, महिन्द्र  आदि गांव वालों ने बताया कि एक तरफ तो सरकार गांव स्तर पर अच्छी चिकित्सा सेवा देने की थोथी घोषणा करती है और झोला छाप डाक्टरों से छुटकारा दिलवाना चाहती है, वही दूसरी ओर सरकार खुले हुये उपस्वास्थ्य केन्द्रों को बन्द रख कर इन झोला छाप डाक्टरों को बढ़ावा दे रही है।
इस बारे में सी एम ओ रविन्द्र सिंह ने बताया कि मेरे हिसाब से कागजों में नरड गांव में कोई भी उपस्वास्थ्य केन्द्र नही है। यदि किसी दूसरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीन है तो इस का पता करेंगे।
राजकुमार अग्रवाल 
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