राष्ट्रीय (27/03/2015) 
एक-एक गांव को 2016 तक मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का लक्ष्य
कैथल : अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र कुमार ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य संबंधित गांव का विकास लोगों की सहभागिता तथा लोगों द्वारा ही किया जाना है। ग्राम सभा द्वारा गांव विकास योजना तैयार की जाएगी तथा ग्रामीणों की देख-रेख में इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। गांव की समस्याओं का पता लगाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा समितियां गठित की जाएंगी, जिनमें गांव के हर वर्ग को शामिल किया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्त आज लघु सचिवालय स्थित सभागार में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत संबंधित अधिकारियों एवं ग्रामीणों के लिए आयोजित किए गए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थितगण को इस योजना के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत ग्रामीणों को गांव की प्रमुख समस्याओं का स्वयं हल निकालने के लिए प्रेरित किया जाएगा तथा लोगों की सोच बदलना भी आवश्यक है, ताकि ग्रामीण मिलजुल कर अपने गांव को आदर्श गांव बना सके। आदर्श गांव से गरीबी को समाप्त करना तथा ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाना भी इस योजना का मकसद है। कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लोगों की सक्रीय भागीदारी जरूरी है। गांव में सामाजिक सद्भावना तथा भाईचारे को बढ़ावा देकर गांव के समुचित विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है। किसी भी गांव के विकास में सबसे बड़ी बाधा गांव में आपसी फूट और भाईचारे की कमी है। 
उन्होंने कहा कि 11 मई तक गांव के संपूर्ण विकास की संपूर्ण योजना ग्राम सभा की बैठक में तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के मुख्य तीन बिंदू हैं, जिनमें से प्रथम समयबद्ध योजना, जिसके अंतर्गत 2016 तक इस गांव का संपूर्ण विकास किया जाना है। 
द्वितीय बिंदू के अंतर्गत इस योजना के क्रियान्वयन में शामिल सभी विभागों का तालमेल आवश्यक है। तृतीय ङ्क्षबदू के रूप में योजना के क्रियान्वयन के लिए गतिविधियां निश्चित की गई है, जिनके अनुसार ही कार्य किया जाना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ 11 अक्तूबर 2014 को किया है। उन्होंने सभी सांसदों को 2016 तक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक-एक गांव को 2016 तक मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का लक्ष्य दिया है तथा 2019 तक सभी सांसदों द्वारा 2-2 गांवों को और मॉडल गांवों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। सांसद आदर्श ग्राम योजना के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रीत पाल ने कहा कि इस योजना का शुभारंभ ग्रामीण विकास के निरंतर प्रयासों के तहत किया गया है। इस योजना का उद्देश्य गांवों का संपूर्ण विकास है तथा इस प्रक्रिया में ग्राम सभा महत्वपूर्ण एजैंसी है, जिसके माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ग्रामीण स्वयं योजना बनाएंगे और क्रियान्वयन भी खुद करेंगे। एक राय से फैसले लिए जाएंगे। गांव वासियों की आवश्यकताओं के अनुरूप ही योजना बनेगी तथा गांव में कुशल कामगारों के कौशल का सद्पयोग होगा। उन्होंने गुजरात राज्य के गांव पुन्सरी तथा महाराष्ट्रा राज्य के हिवरे बाजार आदर्श ग्राम  के वृतचित्र भी स्क्रीन पर दिखाए, जिनमें आदर्श गांव में उपलब्ध सभी सुविधाएं दर्शायी गई। पुन्सरी गांव पक्की सड़कों से जुड़ा होने के साथ सड़कों के साथ योजनाबद्ध तरीके से पेड़-पौधे लगाए गए हैं। सड़कों के साथ बिजली के खंभों पर माईक भी लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से आवश्यक सूचनाएं समय-समय पर लोगों को दी जाती हैं। इसके अतिरिक्त इन खंभों पर विशेष स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिनकी मदद से संपूर्ण गांव की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। गांव में साफ-सफाई के दृष्टिगत डेयरी व्यवसाय को गांव से बाहर स्थापित किया गया है तथा ग्राम पंचायत द्वारा दुग्ध उत्पादकों की सुविधा के लिए विशेष बस सेवा दुग्ध केंद्रों तक उपलब्ध करवाई गई है। महाराष्ट्र राज्य के हिवरे बाजार गांव से लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया था, क्योंकि वहां पर आवश्यक सुविधाओं की कमी थी तथा भौगोलिक परिस्थितियां भी लोगों के विपरित थी। इस गांव में गांव के सरपंच पोपट लाल ने सर्व प्रथम वाटर शैड परियोजना को लागू किया तथा जल का संरक्षण करके इस क्षेत्र को हरा-भरा क्षेत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज इस गांव में सौलर सिस्टम को बढ़ावा दिया गया है। महिला ग्राम सभा का अलग से आयोजन किया जाता है। गांव में ग्राम सभा की बैठक के लिए ग्राम संसद भवन का निर्माण किया गया है। इस गांव में साफ-सफाई इस हद तक बरती जाती है कि ढुंढऩे से भी कहीं गंदगी दिखाई नही देती। सभी घरों में व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं तथा बागवानी से ग्रामीणों की आमदनी बढ़ी है। डेयरी व्यवसाय भी काफी फला-फूला है तथा गांव में वाचनाल्य में अखबार व पत्रिकाएं निरंतर ग्रामीणों को पढऩे के लिए उपलब्ध रहती हैं। इस अवसर पर पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता ने भी उपस्थितगण को इस योजना के बारे में जानकारी दी। इस मौके  पर डीडीपीओ सुरेंद्र कुमार, अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी सहित सांघन गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सुरजीत तथा काफी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रही। 
राजकुमार अग्रवाल 
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