राष्ट्रीय (09/01/2015) 
बेटियों से है जमाना, हमें इनको है बचाना, बेटी है वरदान इनका करो सम्मान
हरियाणा,कैथल, बेटियों से है जमाना, हमें इनको है बचाना, बेटी है वरदान इनका करो सम्मान, के गूंजते नारों के बीच बेटी बचाओ-बेटी पढाओ कार्यक्रम के तहत क्योड़क गांव में आज जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को समेकित बाल विकास रियोजना की जिला कार्यक्रम अधिकारी सरिता चौहान ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रैली में ग्रामीण महिलाओं व युवतियों ने भारी संख्या में भाग लिया। यह रैली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समीप स्थित आंगनवाड़ी केंद्र से शुरु होकर स्वास्थ्य केंद्र पर संपन्न हुई। इस रैली का उद्देश्य ग्रामीण लोगों में लड़का-लड़की का भेद खत्म करने के साथ-साथ अमानवीय कुरीति कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना है।  श्रीमती सरिता चौहान ने रैली में भाग लेनी वाली लड़कियों एव महिलाओं को कन्या भ्रूण हत्या में सम्मलित होने वाले लोगों का ामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नही है फिर हम समाज में बेटियों को उपेक्षित क्यों समझते हैं। बेटा-बेटी में फर्क करना हमारी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।   उन्होंने कहा कि लड़कियां अपने मां-बाप के प्रति लड़कों की अपेक्षा ज्यादा सम्मान रखती हैं। हर क्षेत्र में मेहनत के बल पर लड़कियों ने समाज में मान-सम्मान पाया है। समाज के हर व्यक्ति को विकसित सोच रखते हुए लड़कियों को लड़कों के बराबर का दर्जा देकर उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए कन्या भ्रूण हत्या को रोकना होगा, क्योंकि जो कन्या मां के गर्भ में पल रही है, उसे भी समाज में जीने का अधिकार है।

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कानून के साथ-साथ समाज के हर व्यक्ति को आगे आना होगा। कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने अब लाडली योजना का लाभ तीसरी लड़की को भी देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ के अभियान के साथ-साथ लड़कियों को शिक्षा की मुहिम के साथ जोडऩा भी इस अभियान का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि जिला में तीन हजार ऐसी लड़कियां है, जो स्कूली शिक्षा से वंचित है। इन सभी वंचित लड़कियों को स्कूलों में दाखिला दिलवाकर शिक्षा के साथ जोडऩा होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जो महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे पूर्व श्रीमती सरिता चौहान ने रैली में भाग लेने वाली सभी लड़कियों व महिलाओं को शपथ दिलाई कि मैं कभी भी भ्रूण हत्या नही करूंगी और न ही कभी भ्रूण हत्या होने दूंगी। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को यह भी शपथ दिलाई कि वे अपने बच्चों को पढ़ाएंगी और अन्य सभी को पढऩे और पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जो समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। शिक्षित महिलाएं अच्छाई व बुराई में फर्क को शीघ्र समझती है। 

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जागरूकता रैली में गांव की महिलाओं ने भारी संख्या में भाग लिया तथा यह जागरूकता रैली गांव क्योड़क के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुई स्वास्थ्य केंद्र पर संपन्न हुई। इस रैली में लड़कियां व महिलाएं भ्रूण हत्या रोकने के संदेश लिखी पटटिकाएं उठाए हुई थी, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या पाप है, बेटी का सम्मान करो इसी से समाज का उद्धार होगा। कार्यक्रम अधिकारी सरिता चौहान ने बताया कि 17 जनवरी से 19 जनवरी तक ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जागरूकता रैलियां निकालकर लोगों को बेटी बचाने के अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। जिला में 22 जनवरी से 22 फरवरी तक केंद्र सरकार की तरफ से भी प्रचार वाहन प्रचार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भेजे जाएंगे। महिला व बाल विकास विभाग का उद्देश्य है कि शहरी व ग्रामीण इलाकों हर व्यक्ति विशेषकर महिलाएं इस अभियान को जोर शोर से चलाकर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश को घर-घर पहुंचाए। इसके अलावा फतेहपुर, कलायत, हाबड़ी में भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ रैलियां निकालकर ग्रामीण लोगों को जागरूक किया गया। इन रैलियों में भी काफी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर गांव के सरपंच मोहन लाल शर्मा, सीडीपीओ राजबाला, सुपरवाईजर माया देवी, अनिता देवी  के अतिरिक्त 20 आंगनवाड़ी वर्कर, 20 हैल्पर तथा सबला के तहत काम करने वाली लड़कियां भी उपस्थित रही।  
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