राष्ट्रीय (09/01/2015) 
आप का वेट रेडों पर झूठ का खुलाशा - भाजपा

नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी का दावा-रेड आम नहीं, सिर्फ खास ट्रेडर्स के यहां पड़ी आरटीआई के जरिए मिली सूचना से आदमी आदमी पार्टी का सफेद झूठ सामने आ गया। इसके बावजूद बचाव में अब आप पार्टी उससे बड़ा झूठ जनता के सामने परोस रही है, जिसके मुताबिक रेड आम नहीं, सिर्फ खास ट्रेडर्स के यहां उनके कार्यकाल के दौरान पड़ी थीं। जबकि सरकारी दस्तावेजों के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि एक भी रेड शराब की दुकानों और पेट्रोल पंपों पर नहीं पड़ी, बल्कि 49 दिनों की उनकी सरकार में रेड सिर्फ आम पारियों के यहां पड़ी थीं।

यह आंकड़े आप पार्टी की 49 दिनों की सरकार के दौरान की रेड की कार्रवाई से संबंधित हैं, जिसमें यह साफ है कि 151 रेड एक जनवरी और 14 फरवरी, 2014 तक पड़ी थीं। इस दौरान  आप सरकार कार्यकाल था और उस अवधि में 39% छोटे ट्रेडर्स, 25% प्रतिशत औद्योगिक इकाईयों, 6% बिल्डरों और आयात-निर्यात करने फर्मों में, 5% प्रिंटिंग और स्टेशनरी फर्मों, 4% हैल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल कंपनियों, 4% ज्वैलर्स, 3% ट्रांसपोर्ट कंपनियों, 8% आईटी टेलीकम्यूनिकेशन व कंसल्टिंग फर्मों समेत अन्य में रेड पड़ी थीं। इसके अलावा एक भी रेड नहीं पड़ी, जो पेट्रोल पंप या शराब दुकानों में डाली गई। जैसा आप अपने बचाव में दावा कर रही है।  

आरटीआई से आप पार्टी का झूठ पकड़ा गया है और खुलासा होने पर अब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी अब खुद को बचाने के लिए फिर से झूठ के जरिए व्यवसायी समुदाय को बांटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने नया फरेब अख्तियार किया है, जिसमें व्यवसाइयों को आम और खास ट्रेडर में बांटा जा रहा है, जो महज अपने फायदे के लिए आप पार्टी कर रही है। ताकि उनका स्वार्थ सिद्ध हो जाए और वो कड़वे सच से अपने बचाव में सफल हो जाएं। याद रहे कि हाल ही में आप पार्टी ने दावा किया था कि उनकी 49 दिनों की सरकार में एक भी रेड नहीं पड़ी। लेकिन आटीआई में यह खुलासा हो गया और सच सामने आ गया कि उनके 14 फरवरी, 2014 तक के 49 दिनों के कार्यकाल में 151 रेड पड़ी थीं।

आश्चर्यजनक बात ये है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अब इस मामले में पूरी तरह से यू-टर्न ले लिया है और इस सच को स्वीकार कर रहे हैं कि ट्रेडर्स के यहां रेड पड़ी थीं। लेकिन किसी भी आम ट्रेडर्स के यहां रेड नहीं पड़ी थी। यदि आप पार्टी के 49 दिनों के कार्यकाल में ट्रेडर्स के यहां रेड पड़ी थीं तो आखिर अब क्यों आप झूठ बोल रही है और पहले दावे से क्यों पीछे हट रही है। दिल्ली भाजपा लगातार उनके झूठे दावों का खुलासा करेगी और आने वाले दिनों में उनके फरेब से जनता को बचाएगी, ताकि लोग फिर से उनके झूठे दावों के झांसे में न आएं।

आप ने झूठा दावा किया था कि उनकी सरकार के दौरान 5665 करोड़ रुपये का टैक्स सरकारी खजाने में जमा हुआ था। जबकि सच ये है कि महज 2023 करोड़ रुपये 1 जनवरी से 14 फरवरी, 2014 तक के बीच जमा हुआ था। बाकी रकम 3642 करोड़ रुपये जनवरी से मार्च की तिमाही के शेष 45 दिनों में जमा हुई थी और आप ने 14 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि 2013-14 की अंतिम तिमाही में टैक्स अगले 45 दिनों में जमा हुआ था, जबकि आप की ओर से इस्तीफा दिया जा चुका था और इसके बाद ही 180: टैक्स यानी 3642 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा हुई थे। भला आप की ओर से रिकार्ड टैक्स कलेक्शन का दावा कैसे किया जा सकता है? जबकि सच से है कि आप सरकार के दौरान विभाग में जमा होने वाला टैक्स औसत जमा से कम था।

सवाल ये है कि आप कैसे उस टैक्स जमा को अपने कार्यकाल में बता रही है, जो उनके कार्यकाल में हुआ ही नहीं था, यानी कि उनकी बनायी यह कहानी पूरी तरह झूठी है, जिसका कोई अंत नहीं है। क्योंकि अब भी वह इस झूठे दावे को कायम रखने के लिए नई कहानी गढ़ रहे हैं। 5 जनवरी को जारी किए गए प्रेस स्टेटमेंट में आप ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार में किसी भी आम ट्रेडर के यहां रेड डालने की अनुमति नहीं दी गई थी। दिल्ली भाजपा का कहना है कि क्या औद्योगिक इकाईयां, छोटे ट्रेडर, अस्पताल, ज्वैलर्स, ड्रग कंपनियां, स्टेशनरी, ट्रांसपोर्ट कंपनियां आम ट्रेडर्स की श्रेणी में नहीं आते हैं?  

आप को इन मसलों पर जवाब देना होगा और दिल्ली वासियों के सामने आने से पहले उन्हें सच स्वीकारना होगा। आम आदमी पार्टी की फरेब की राजनीति का खुलासा पूरी तरह से हो गया है और दिल्ली की जनता उन्हें आने वाले चुनावों में जड़ से उखाड़कर इसका सबक देगी।


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