राष्ट्रीय (09/12/2014) 
नेविगेटर्स ओवरसीज का विदेशों में स्कूली पढ़ाई का अनूठा शिक्षा कार्यक्रम लोकार्पित

चंडीगढ़, अब तक तो भारतीय विद्यार्थी अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद विदेशों में उच्च अध्ययन आदि के लिए ही जाते-आते रहे हैं। पर अब भारतीय विद्यार्थी न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी अपनी स्कूली शिक्षा पा सकते हैं। भारत और इन दो देशों के बीच दोस्ती और सहभागिता जैसे अहम मुद्दे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरों में प्रमुखता से उठाया गए। इसी के तहत चंडीगढ़ स्थित नेविगेटर्स ओवरसीज सॉल्यूशंस नामक स्टूडेंट वीजा कंसल्टेंसी ने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के स्कूलों से करार की घोषणा के लिए आज यहां प्रेसवार्ता बुलाई गई। नेविगेटर्स ओवरसीज की निदेशक श्रीमती वीना गोयल ने बताया, नेविगेटर्स अपनी 17वीं वर्षगांठ मना रहा है और इस मौके को यादगार बनाने के लिए हम एथेना स्कूल- सिडनी, विक्टोरिया गवर्नमेंट स्कूल-मेलबोर्न, एक्विनास कॉलेज- क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड, केंटबरी कॉलेज- ब्रिसबेन और गोल्ड कोस्ट, न्यूजीलैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच, में अब भारतीय विद्यार्थी सीधे दाखिला पा सकते हैं। इस प्रेसवार्ता में उन बच्चों के अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया जिनके बच्चे नेविगेटर्स ओवरसीज सॉल्यूशंस द्वारा उपलब्ध मार्गदर्शन में पहले से ही विदेशों में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।

इस मौके पर बताया गया कि भारतीय विद्यार्थियों के लिए 8वीं से 12वीं तक की विश्वस्तरीय स्कूली शिक्षा भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में संभव हो गई है। दोनों देशों के बीच यह करार दरअसल, नेविगेटर्स की ओर से इन दोनों देशों में भारतीय विद्यार्थियों के लिए स्कूली शिक्षा की संभावनाएं खंगालने के मकसद से किए गए दौरों और वहां इस दिशा में की गई गहन शोध का नतीजा है। बता दें कि सुश्री वीना गोयल भारत की ओर से हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन और न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में आयोजित कान्फ्रेंस ऑफ स्कूल वर्कशॉप में आमंत्रित थीं। सुश्री वीना गोयल ने बताया, 'इन दौरों का मकसद था वहां इन स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई के स्तर को आंकना और भारत व इन देशों की स्कूली पढ़ाई के बीच अंतर को नजदीक से देखकर समझना। मैंने वहां इन स्कूलों का दौर किया, वहां के शिक्षकों आदि से मिली और फिर ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में स्कूली शिक्षा से लाभ उठाने वाले भारतीय विद्यार्थियों के भविष्य की बेहतरी के लिए इन स्कूलों के आला प्रबंधनों से मेल-मुलाकात की।

बीते 14 वर्षों से न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में इंटरनेशनल स्टूडेंट रिक्रूटमेंट के क्षेत्र में दक्षता प्राप्त विशेषज्ञ श्री नाइजिल क्यूमिन्स भी प्रेसवार्ता में मौजूद थे। सुश्री वीना गोयल के अलावा, प्रेसवार्ता को श्री उत्कर्ष ने भी संबोधित किया, जो ऑस्ट्रेलिया स्थित वि यात स्विनबर्न यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और वहां हेल्पिंग हैंड नाम से अपनी एजेंसी चलाते हैं। श्री उत्कर्ष, जो एक एमएआरए एजेंट भी हैं, ने बताया, नेविगेटर्स की ओर से विदेशी स्कूलों में पढ़ाई के लिए दाखिले की घोषणा के बाद गुणवत्तापरक स्कूली पढ़ाई करने के इच्छुक भारतीय विद्यार्थियों के पास अब ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के स्कूलों में सीधा दाखिला लेकर अपनी नींव मजबूत करने का सुअवसर है ताकि वे विश्व में कहीं भी उच्च अध्ययन प्राप्त करने की योग्यता हासिल करें,  वह भी विदेशी स्कूलों में अपनी शानदार माध्यमिक पढ़ाई-लिखाई की बदौलत।

प्रेसवार्ता में बताया गया कि कई बार भारतीय विद्यार्थी यहां अपने देश की शिक्षण पद्धति में कुछ खामियों के चलते विदेशी कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते । इस समस्या का तब समाधान हो जाता है कि जब वे कॉलेज की पढ़ाई शुरू करने से पहले ही अपनी स्कूली पढ़ाई भी विदेशों में ही करने की योजना बना  लें। इसके अलावा, नेविगेटर्स ने इस मौके पर सेंट स्टीफन कॉलेज- गोल्ड कोस्ट, क्वीन्सलैंड, ऑस्ट्रेलिया, लॉन्ग बे कॉलेज- ऑकलैंड, यूसी इंटरनेशनल कॉलेज-क्राइस्टचर्च और यूनिटेक इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी- ऑकलैंड के भी साथ करार की घोषणा की। 

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