राष्ट्रीय (24/11/2014) 
महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार ने श्यू एन वोमेनश् और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली सचिवालय में महिलाओं के सशक्किरण में पुरुषों व नौजवानों की भागीदारी विषय पर आयोजित संगोष्ठि का उद्घाटन करते आज कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए समाज के नजरिए में महिलाओं के प्रति भारी परिवर्तन लाने की जरूरत है। समाज को यह सोंचना होगा कि संतुलित समाज की संरचना के लिए महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के साथ-साथ उन्हें हर क्षेत्र में विकास व प्रतिनिधित्व के अवसर दिए जायें। श्री संजीव कुमार ने यह विचार आज हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर दिल्ली सरकार की पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती शैलेजा चंद्रा, पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता श्रीमती इंदिरा जयसिंह, जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के प्रो. डाॅ. अमिताभ कुंडु, यू एन वोमेन की डाॅ. अंजलि गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती अपर्णा भट्ट, डाॅ. पुनित बेदी, डाॅ. रेविका टेवेरस और समाज कल्याण निदेशक श्रीमती सौम्या गुप्ता ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। श्री संजीव कुमार ने कहा कि यह बहुत ही कष्टप्रद है कि महिलाओं की आबाज की निरंतर अनदेखी और सुनी-अनसुनी कर दी जाती है और यह सब इसलिए होता है कि वह समुह के रूप में संगठित नहीं हो पाती है। शायद इसीलिए उनकी कठिनाईयों, समस्याओं और बेदनाओं को उचित मंच पर स्वर नहीं दिया जाता।

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