राष्ट्रीय (20/11/2014) 
नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए वित्तीय ढांचा बनाये जाने को लेकर प्रतिनिधिमंडल कामथ से मिला

केंद्र सरकार द्वारा नॉन एमएसएमई के लिए एक वित्तीय ढांचा बनाने के मुद्दे पर आईसीआईसी आई बैंक के चेयरमैन श्री के.वी.कामथ के अध्यक्षता में एक कमेटीगठित की गयी है ! इस मुद्दे पर एक्शन कमेटी फोड़ फॉर्मल फाइनेंस फोड़ नॉन कॉर्पोरेट स्माल बिज़नेस का एक प्रतिनिधिमंडल  कल मुंबई में श्री के वीकामथ सेमिला ! ज्ञातव्य है की केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने इस वर्ष के बजट में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक अलग से वित्तीय ढांचा बनाने की घोषणा की थीऔर उसी घोषणा के अनुरूप वित्त मंत्रालय ने कामथ कमेटी का गठन किया है जिसको तीन माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी है !


प्रतिनिधिमंडल में एक्शन कमेटी के नेशनल कोऑर्डिनेटर श्री प्रवीन खण्डेलवालकॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी,भरतिया,प्रमुख रिटेल विशेषज्ञ श्री शेखर स्वामीनवी मुंबई मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कीर्ति राणाकैट महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष श्री रमेश कोटडिया सहित अनेकव्यापारी नेता मौजूद थे !


श्री कामथ से बातचीत करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने बताया की देश में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के कुल 4 % हिस्से को ही बैंकों से ऋण मिल पाया है जबकि देश की जीडी पी में 45 प्रतिशत का योगदान और देश में कुल रोजगार का 90 प्रतिशत नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर से ही आता है लेकिन इतने महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद भी इससेक्टर को ऋण के मामले में अब तक महरूम रखा गया है ! प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा की इस सेक्टर को गलत तरीके से गैर संगठित के रूप में परिभाषितकिया गया है जबकि वास्तव में यह सेक्टर स्वयं संगठित है जिसमें 60 % से अधिक का स्वामित्व पिछड़े वर्ग का है ! इसलिए अब इस सेक्टर को सही तरीके सेवित्तीय सहायता मिले इस हेतु एक सशक्त और स्वतंत्र वित्तीय ढांचे का बनाया जाना बेहद आवश्यक है !


श्री कामथ ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा की निश्चित रूप से अब यह सही समय है जब पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति को भी व्यापार करने हेतुसही तरीके से ऋण मिलना चाहिएउन्होंने यह भी कहा की इस मामले में स्वतंत्र वित्तीय संस्थान या कंपनियां एक बड़ी भूमिका निभा सकती है जो या तो सीधेअथवा चैनलों के माध्यम से शहर और गाँवों तक प्रत्येक व्यक्ति को ऋण उपलब्ध कराएं ! उन्होंने प्रतिनिधिमंडल की इस बात से सहमति व्यक्त की की नॉनकॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक वित्तीय ढांचा बनाने से  केवल वित्तीय बल्कि सामजिक समावेश भी होगा !


 श्री कामथ ने रोजगारघरेलू  उत्पादननिर्यात और जी डी पी में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के योगदान की सराहना करते हुए कहा की इस सेक्टर को सही तरीके सेपरिभाषित करते हुए "स्वयं संगठितकहना ज्यादा उचित होगा ! श्री कामथ ने यह भी कहा की इस ढांचे के अंतर्गत ऋण गारंटी योजना में एक आंशिक प्रीमियमभी लगाया जा सकता है जिससे यह ढांचा स्वयं पोषित हो और वित्त के लिए इसे सरकार पर निर्भर  रहना पड़े !


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