राष्ट्रीय (01/11/2014) 
नेशनल एबिलिम्पिक्स 3 नवंबर से शुरू, विकलांगों की वोकेशनल स्किल्स जांचने के लिए होंगी अनेक प्रतियोगिताएं
चंडीगढ़, 1 नवंबर, 2014, स्पेक्ट्रम न्यूज: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च -निट्टर- सेक्टर 26, चंडीगढ़ में नेशनल एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, दिल्ली तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के सहयोग से 3-5 नवंबर तक विकलांगों के तकनीकी एवं रोजगार कौशल को मांपने के लिए नेशनल एबिलिम्पिक्स नाम से अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
विकलांग तकनीकी प्रतियोगियों की इन तीन-दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का शुभारंभ सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री श्री थावर चंद गहलोत 3 नवंबर को निट्टर में प्रात: 10.30 बजे करेंगे। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय मंत्रालय की सचिव सुश्री स्तुति कक्कड़, आईएएस, बीओजी, निट्टर के चेयरमैन डॉ. केके तलवार, नेशनल एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट एयर मार्शल एसजी इनामदार तथा निट्टर कोलकाता की डायरेक्टर प्रोफेसर फाल्गुनी गुप्ता भी भाग लेंगी।
एक प्रेस कांफे्रंस को संबोधित करते हुए आज यहां, निट्टर चंडीगढ़ के डायरेक्टर डॉ. एमपी पूनिया ने बताया, गत वर्ष की रीजनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने वालों सहित देश भर से आये करीब 450 प्रतियोगी इस ईवेंट में हिस्सा लेंगे। प्रतियोगिता में 33 रोजगार धंधों के कार्य कौशल संबंधी प्रतियोगिताएं होंगी, जिनमें फोटोग्राफी, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, वेबसाइट निर्माण, डाटा प्रोसेसिंग, कशीदाकारी, ड्रेस मेकिंग, कपड़ों की सिलाई, बुनाई, मिट्टी के बर्तन बनाने, पेंटिंग एवं चित्रकला आदि कौशल शामिल हैं।
निट्टर के डीन ईएससी डॉ. जेएस सैनी ने बताया, एबिलिम्पिक्स दो शब्दों के योग से बना है- एबिलिटी और ओलिम्पिक्स। इस तरह की प्रतियोगिताओं से विकलांगों के कार्य-कौशल में निखार आता है और उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये प्रतियोगिताएं हर चार साल बाद इंटरनेशनल एबिलिम्पिक्स फेडरेशन एवं रिहेबिलिटेशन इंटरनेशनल द्वारा आयोजित की जाती हैं।
प्रथम इंटरनेशनल एबिलिम्पिक्स 1981 में जापान में हुए थे। इसके बाद इनका आयोजन कोलंबिया, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, चेक रिपब्लिक, भारत, जापान और कोरिया में हुआ। अमर ज्योति चेरिटेबल ट्रस्ट दिल्ली की संस्थापक एवं प्रबंधन सचिव तथा नेशनल एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की महासचिव डॉ. उमा तुली के नेतृत्व में छह-सदस्यीय दल ने जापान में प्रथम इंटरनेशनल एबिलिम्पिक्स में हिस्सा लिया था। चेक रिपब्लिक में 2000 में भारतीय दल ने जीन गोल्ड मैडल जीते। डॉ. उमा तुली ने बताया, भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करने के उद्देश्य से मई 2001 में नेशनल एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की स्थापना की गयी।

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