विशेष (17/12/2023) 
डीएसएलएसए की प्रमुख भागीदारी में स्वयं सेवी संस्था उदिशा ने बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम जागरूकता अभियान का किया आयोजन
डीएसएलएसए की प्रमुख भागीदारी में स्वयं सेवी संस्था उदिशा ने बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम  जागरूकता अभियान का किया आयोजन 

 राजधानी दिल्ली के अग्रणी विद्यालय लाल बहादुर शास्त्री सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-3, आर.के. पुरम, नई दिल्ली में बच्चों के खिलाफ यौन  हिंसा की रोकथाम पर एक जागरूकता अभियान का आयोजन डीएसएलएसए की प्रमुख भागीदारी में स्वयं सेवी संस्था उदिशा ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए लव दीप गौड़ अधिवक्ता डीएलएसए नई दिल्ली ने प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से POCSO अधिनियम के सभी पहलुओं की सरल भाषा में की व्याख्या की । इसके बाद उन्होंने गुड टच और बैड टच का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों की काउंसलिंग भी की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति का शरीर उसका अपना है और कोई भी उसे अनुचित तरीके से नहीं छू सकता। उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया कि यदि उन्हें किसी अन्य व्यक्ति द्वारा छूने पर असहजता या असुविधा महसूस होती है तो यह निश्चित रूप से एक बैड टच है और इसका विरोध किया जाना चाहिए, भले ही यह करीबी रिश्तेदारों या अन्य परिचित व्यक्तियों द्वारा ही क्यों न किया गया हो। उन्होंने बताया कि बच्चों के सबसे अच्छे अंगरक्षक उनके माता-पिता और शिक्षक होते हैं, जिनके साथ वे अधिकतम समय बिताते हैं। बच्चों को अपने माता-पिता या शिक्षकों पर भरोसा करना चाहिए। बच्चा अपने माता-पिता, दोस्तों या उस व्यक्ति पर भरोसा कर सकता है जिसे वह अपने करीब समझता है।

दिल्ली पुलिस के एसीपी (सतर्कता) वीरेंद् पुंज ने पोक्सो एक्ट के क्रियान्वयन में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं पाठ्यक्रम में कानूनी शिक्षा को आवश्यक हिस्सा बनाने पर जोर दिया  उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस के एसीपी (सतर्कता) वीरेंद्र पुंज ने स्कूली पाठ्यक्रम में कानूनी शिक्षा शुरू करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। पांच वर्षों के संघर्ष के बाद  पुंज 11वीं और 12वीं कक्षा में कानूनी शिक्षा को एक विषय के रूप में शुरू करने के लिए शिक्षा निदेशालय, दिल्ली द्वारा अधिसूचना जारी करवाने में सफल रहे हैं। श्री पुंज के प्रयास की सराहना की गई।

उदिशा के संस्थापक अध्यक्ष  राकेश गौड़ ने उदिशा की गतिविधियों की संक्षेप में व्याख्या की ।उन्होंने उल्लेख किया कि उदिशा द्वारा पिछले 19 वर्षों से डब्ल्यूडब्ल्यूएसएफ/जिनेवा के भागीदार के रूप में इस तरह के अभियान आयोजित किए गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में, उदिशा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और केंद्र शासित प्रदेश दमन, दीव और दादरा नगर हवेली में 35 हजार से अधिक बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल दुर्व्यवहार की रोकथाम के बारे में जागरूकता जगाने में सफल रही है। उदिशा को दुनिया भर में 400 से अधिक भागीदार संगठनों में से बच्चों और युवाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए आयोजित उत्कृष्ट अभियान के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएसएफ द्वारा 2010 के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जतन सिंह  ने पोस्टर प्रतियोगिता के पुरस्कार विजेताओं को ट्रॉफी और योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किए। जागरूकता अभियान व पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता में लगभग 550 छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने भाग लिया। पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को मेरिट प्रमाणपत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता, संगोष्ठी और लघु नाटक (स्किट) के सभी प्रतिभागियों को इस सामाजिक अपराध के बारे में अपनी रचनात्मकता, संवेदनशीलता और चिंता व्यक्त करने के लिए प्रशंसा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। प्रोफेसर अरुण कुमार, अध्यक्ष, इंदु शेखर, प्रबंधक और सुभाष चंद्र, सदस्य, प्रबंध समिति, एल बी एस स्कूल और उदिशा के कोषाध्यक्ष  हुक्म सिंह भी कार्यक्रमों में शामिल हुए। एल बी एस स्कूल की प्रिंसिपल  सुनीता डोगरा के कुशल मार्गदर्शन में स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संयोजन व प्रबंधन किया गया।
दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय गौड़ की विशेष रिपोर्ट
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