मनोरंजन (06/12/2023) 
खामियों के पूलिन्दे ,कुछ यूँ कर बड़े हैं।
खामियों के पूलिन्दे ,कुछ यूँ कर बड़े हैं,
की तेरे सदके में हम सर झुकाये खड़े हैं!
अब तेरी रज़ा है, ओ मेरे खुदाया 
चाहे गर्त् में मिला दे 
चाहे दुओं से नवाज़ दे!!
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Alka T
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