स्वास्थ्य (23/07/2023) 
ऑटोइम्यून रोग है स्जोग्रेन सिंड्रोम, आयुर्वेद मे इलाज संभव : डा. सिंगला
स्जोग्रेन सिंड्रोम का इलाज हुआ संभव : मुंह से लार व आंखों से आंसू सूख जाते हैं बीमारी में |

आज के दिन 23 जुलाई को विश्व स्जोग्रेन सिंड्रोम दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आयुर्वेद की मदद से स्जोग्रेन सिंड्रोम का इलाज : आयुष विश्वविद्यालय के डा. राजा सिंगला के द्वारा किया जा रहा इलाज, 100 से अधिक मरीज़ों का चल रहा सफल इलाज
स्जोग्रेन सिंड्रोम का नाम जब आता है तो लाइलाज बीमारी का आभास होता है लेकिन आयुर्वेद ने इस लाइलाज बीमारी के इलाज को भी साध्य कर दिया है। स्जोग्रेन सिंड्रोम ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के आंखों से आंसू व मुंह में लार बनना बंद हो जाती है। ऐसे व्यक्ति की आंखों से आंसू नही आते और मुंह में लार न बनने के कारण खाने को तरल पदार्थ के साथ गटकना पड़ता है। डॉक्टर इस बीमारी को लाइलाज बीमारी बताते हैं लेकिन श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के पंचकर्म विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजा सिंगला के इलाज से कई मरीजों की तो ठीक होने के बाद दवाई भी बंद की जा चुकी है 

डा. राजा सिंगला ने बताया कि स्जोग्रेन सिंड्रोम इम्यून सिस्टम से जुड़ी हुई बीमारी है। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, इसका अर्थ है कि आपका इम्यून सिस्टम गलती से अपने शरीर के अन्य भागों को प्रभावित करता है। ऐसा तब होता है जब वाइट ब्लड सेल स्लाइवा ग्लैंड्स, आंसू ग्रंथियों और अन्य एक्सोक्राइन ऊतकों में जाकर उन पर असर डालते हैं, जिससे हमारे शरीर में आंसू और स्लाइवा के उत्पादन में कमी आती है। यह रोग होने से मुंह, आंख, त्वचा, नाक या ऊपरी श्वास नलिका में रूखापन आ जाता है। स्जोग्रेन सिंड्रोम अन्य संयोजी ऊतकों की बीमारियों के साथ एक्सोक्राइन ग्रंथियों की सूजन से जुड़ा हुआ है जिससे गठिया की समस्या भी रहती है। यही नही शरीर के अन्य भागों जैसे जोड़ों, फेफड़ों, किडनी आदि को भी इससे नुकसान होता है। डा. सिंगला ने बताया कि उन्होने स्जोग्रेन सिंड्रोम के मरीजों को आयुर्वेदिक कषाय, पंचकर्म चिकित्सा, अक्षितर्पण, ऑयल पुलिंग और नेत्र धारा व आयुर्वेदिक औषधियों से संस्कारित गौ घृत से ठीक किया है।
महिलाओं में ज्यादा होती है यह दिक्कत : डा. सिंगला
डा. राजा सिंगला ने बताया कि स्जोग्रेन सिंड्रोम की समस्या पुरुषों की बजाय महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है और यह रोग 20 साल की उम्र के बाद ही शुरू होता है। स्जोग्रेन सिंड्रोम के मुख्य लक्षणों में आंखों में आँसू न बनना, आँखों में लाली एवं खुजली होती है। मुंह की लार बननी बंद हो जाती है जिससे खाना खाने में परेशानी होती है। इसके अलावा जोड़ों में दर्द, जकडऩ और  सूजन , रूखी त्वचा और त्वचा पर रैशेस  , शाम के समय हल्का बुखार महसूस होना, लगातार सुखी खांसी, थकान होना मुख्य लक्षण हैं। इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद मरीज को चाहिए कि ज्यादा पानी पिएं, रात के समय ज्यादा देर तक ना जागें, डब्बा बंद खाना एवं ठंडी चीजों का सेवन न करें।
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