विशेष (03/06/2023) 
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा वीर सावरकर जयंती के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा वीर सावरकर जयंती के उपलक्ष्य में सरोजिनी नगर शाखा में “प्रखर राष्ट्रवादी,ओजस्वी वक्ता एवं समर्पित समाज सुधारक वीर सावरकर” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि  अर्जुन राम मेघवाल, माननीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कृष्ण गोपाल दुबे की पुस्तक में उल्लिखित वृतांतों को साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा वीर सावरकर के वकील को उचित मार्गदर्शन देकर गाँधी जी की हत्या से सम्बंधित मामले में आरोप मुक्त करवाने में सहायता की गई। उन्होंने बताया कि वीर सावरकर ने राष्ट्र को एक करने के उद्देश्य से अंदमान निकोबार की सेल्यूलर जेल में बंद देश के विभिन्न हिस्सों के क्रांतिकारियों को हिंदी सिखाई और एक अलग समाज की रचना की। उन्होंने सावरकर जी द्वारा सेल्यूलर जेल में रहते हुए सही यातनाओं और उनके जीवन व्यक्तित्व का चित्रण भी श्रोताओं के सम्मुख प्रस्तुत किया।
डॉ. आर. के. शर्मा, महानिदेशक, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपयी जी के कथन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारियों के सम्मान में आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने वाले व्यक्ति अतिथि न होकर देशभक्त होते हैं। उन्होंने बताया कि सावरकर एक क्रांतिकारी के साथ-साथ एक कवि भी थे जोकि अपने आप में एक अनोखा व्यक्तित्व है।
सुभाष चंद्र कानखेड़िया, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया कि वीर सावरकर के बारे में तथ्यात्मक जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा वीर सावरकर को याद करना ईश्वर स्मरण के समान है। उन्होंने बताया कि वीर सावरकर द्वारा सन 1857 में स्वतंत्रता संग्राम पर लिखी गई पुस्तक “1857 का स्वातंत्र्य समर” विश्व की पहली ऐसीपुस्तक थी जिसको छपने से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया। 
परिक्षित डागर, उपाध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड ने कार्यक्रम में उपस्थित होने हेतु माननीय मंत्री जी, सभी गणमान्य अतिथि जनों एवं श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। 
दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय गौड़  की विशेष रिपोर्ट 
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