विशेष (22/03/2023) 
कालकाजी मंदिर मंे नवरात्रों की तैयारियां पूर्ण, रात से ही दर्शन के लिए जुटे माता के भक्त।
नई दिल्ली, 21 मार्च। दिल्ली के स्थित सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर के पुनर्विकास की योजना चल रही है। इसी बीच 22 मार्च से नवरात्रि (नवरात्रे) शुरू हो रही है। जिसे देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिससे नवरात्रि के दौरान मंदिर में होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
मंदिर का कार्य देखने वाले दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कालकाजी मंदिर के प्रशासक रिटायर्ड जज जेआर मिढा के सचिव राकेश चोपडा ने बताया नवरात्रों को लेकर तैयारियों को लगभग पूरा कर लिया गया है। राकेश चोपडा ने बताया कि नवरात्रों के कारण मंदिर मंे अन्य दिनों की अपेक्षा काफी संख्या में भीड आयेगी। भक्तों की भीड को बैरिकेट के माध्यम से निंयत्रित करने के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह यह सारी व्यवस्था मंदिर के बाहर की देखेगी। इस दौरान किसी भी तरह की भगदड़ या भारी भीड़ वाली स्थिति ना बने, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा। अगर ऐसी कोई  आपात स्थिति हो भी जाती है तो उसके लिए डाक्टरों की टीम तो 24 घंटे रहेगी, उनके साथ दो एंबुलेंस और दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी उपस्थित रहेगी। इसके लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट और एसडीएम, कालकाजी को कहा है। इसके अलावा दो शिफ्टों  में 100-100 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर, एक डॉक्टर और दो पैरामेडिक्स की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा मंदिर के आसपास उनके अपने करीबन 10 मार्शल उपस्थित रहेंगे। 
इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड को मंदिर परिसर में पर्याप्त मात्रा में पेयजल और आसपास के नालों में साफ सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही बीएसईएस को नवरात्रि में मंदिर के अंदर बिजली की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। वहीं डूसिब को जरूरी स्टाफ के साथ 16 मोबइल टॉयलेट की व्यवस्था करने का काम दिया गया है।
राकेश चोपडा ने बताया कि भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वह मुंह पर माॅक्स लगा कर आयें तथा मंदिर परिसर मंे नारियल आदि प्रसाद ना लाए। अगर वह ऐसा करते है तो उनका प्रसाद बाहर ही ले लिया जाएगा। फिलहाल भक्तों के लिए मंदिर मंे आने के चार द्वार ओखला साइट,राम प्यायू, लोटस टैंपल तथा मंहत निवास पार्किंग पर बनाए है। वहीं वापसी पर भक्त मंहत परिसर व ओखला साइट से ही बाहर निकल सकते है। 
भक्तों से भी अनुरोध किया गया है कि वह बेहद शांत होकर मां के दर्शन करें तथा किसी अफवाह की ओर ध्यान नहीं दें, अगर किसी को परेशानी है तो वह प्रशासन को जानकारी दे सकता है।
दिल्ली से विजय कुमार की रिपोर्ट
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