विशेष (26/12/2022) 
आइडिया टेक्नोलॉजी में बदले तो टेक्नोलॉजी कोईभी रूप ले सकती है : पदमश्री प्रो० दिनेश सिंह कुलाधिपति
एक सप्ताह का अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आजजूम प्लेटफॉर्म पर शुरू किया गया। इस एफडीपी का आयोजन के. आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, हंसराज कॉलेज औरमोतीलाल नेहरू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह एफडीपी महात्मा हंसराजफैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर द्वारा समर्थित है, जो पंडित मदनमोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड टीचिंग स्कीम केतहत शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार का केंद्र है। इस एफडीपीका विषय है "आधुनिक वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियां - अनुसंधानकौशल बढ़ाने के तरीके"। इस एफडीपी के संयोजक डॉ चंद्रमोहन के साथ डॉ. नीरज कुमारी, समन्वयक और प्रोफेसर ज्योति भोला, समन्वयक, एमएचआरएफडीसी ने सरस्वतीवंदना के द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की और सभी मेहमानोंऔर प्रतिभागियों का स्वागत किया।
एफडीपी के संयोजक डॉ चंद्रमोहन ने ब्यूरो चीफ विजय  गौड़ को बताया कि कार्यक्रम में विशिष्टअतिथि के रूप में प्रोफेसर दिनेश सिंह ने कहा कि अगर कोईआइडिया टेक्नोलॉजी में बदल सकता है और टेक्नोलॉजी कोईभी रूप ले सकती है। संग्रह के बाद सूचना को डेटा में परिवर्तितकिया जा सकता है और डेटा को प्रौद्योगिकी में परिवर्तित कियाजा सकता है। प्रोफेसर सी एस दुबे ने सतत विकास लक्ष्यों, नईतकनीकों पर जोर दिया जिन्होंने पूरी प्रणाली की वास्तविकताको बदल दिया है। प्रोफेसर एसके मेहता ने अतीत और वर्तमानमें शोध के तरीके बताए। उन्होंने शोध कौशल को बढ़ाने केलिए इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरणों के बारे में बताया।
दो प्रतिष्ठित वक्ता, आईआईटी रुड़की से प्रो. एन शिवा रेडी औरआल्टो यूनिवर्सिटी, फ़िनलैंड के डॉ. कवींद्र कुमार केसरी ने भी तकनीकी सत्रों में अपनी बात रखी।
आज एफडीपी में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय  गौड़ की विशेष रिपोर्ट 

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