विशेष (26/12/2022) 
*दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा एसिड अटैक पीड़िता को तत्काल राहत मिली*
तेजाब हमले की बर्बर और अमानवीय घटना ने बुधवार, 14 दिसंबर 2022 को पूरी दिल्ली को झकझोर कर रख दिया। घटना थाना मोहन गार्डन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्राधिकार में हुई, जहां एक 17 वर्षीय लड़की पर बाइक सवार दो लोगों ने तेजाब से हमला कर दिया। जैसे ही दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को घटना के बारे में पता चला, उसे तुरंत राहत पहुंचाने के प्रयास किए गए।

पीड़िता को दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की महिला कानूनी सहायता अधिवक्ता प्रदान की गई। जिसने उसे निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करी। दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण का कानूनी सहायता अधिवक्ता पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के संपर्क में रहेगी।  अनुराधा जिंदल, सचिव दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने भी पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों से बातचीत करने के लिए व्यक्तिगत रूप से अस्पताल का दौरा किया। उन्हें दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना, 2018 के तहत मुआवजा पाने के अधिकार के बारे में भी बताया।

10 अप्रैल 2015 को लक्ष्मी बनाम भारत संघ और अन्य, 2006 की रिट याचिका (सी) संख्या 129 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुपालन में, तत्काल राहत और पुनर्वास के लिए मुआवजा प्रदान करने के लिए क्रिमिनल इंजरीज़ कंपनसेशन बोर्ड का गठन किया। बोर्ड की बैठक 15 दिसंबर 2022 को आयोजित की गई और बोर्ड ने अंतरिम उपाय के रूप में पीड़ित को 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये) का मुआवजा देने का आदेश सर्वसम्मति से पारित किया।  
सचिव दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण डीलसए 
के सक्षम मार्गदर्शन के तहत, एक राष्ट्रीयकृत बैंक में पीड़ित का बैंक खाता खोलने की पहल की और सफलतापूर्वक खाता खोला गया और अगले ही दिन राशि वितरित कर दी गई।
क्रिमिनल इंजरीज़ कंपनसेशन बोर्ड की दूसरी बैठक 21 दिसंबर 2022 को आयोजित की गई ताकि आगे के मुआवज़े पर निर्णय लिया जा सके। मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए, बोर्ड ने तय किया कि पीड़ित को 2,00,000/- रुपये (दो लाख रुपए) का अतिरिक्त मुआवजा पारित किया गया।  
मनोज जैन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, की अध्यक्षता में क्रिमिनल इंजरीज़ कंपनसेशन बोर्ड ने भी पीड़िता को एक वरिष्ठ अधिवक्ता उपलब्ध कराने की संभावना तलाशने का संकल्प लिया, ताकि वह अदालत के समक्ष पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व कर सके।
 प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वारका जिला न्यायालय के मार्गदर्शन में दक्षिण-पश्चिम जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने पीड़िता को न्याय सुलभ कराने के लिए एवं हर संभव राहत प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास करेंगे और दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण अर्थात सेवा समाधान समर्पण के आदर्श वाक्य को पूरा करेंगे।
दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय गौड़ की विशेष रिपोर्ट
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