विशेष (20/12/2022)
फर्जी आईपीएस बनकर 14 लाख रुपये से अधिक की ठगी का आरोपी गिरफ्तार : हरेंद्र के. सिंह आईपीएस
थाना साइबर, बाहरी जिले ने विकास गौतम उर्फ विकास यादव को गिरफ्तार किया है, जो आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ चुका है, जो मुखर्जी नगर के प्रमुख संस्थानों से कोचिंग ले रहे आईएएस/आईपीएस के उम्मीदवारों पर संस्थान के सामने चाय बेचते समय इतना हावी हो गया था कि उसने खुद को विकास यादव बताया।, आईपीएस 2020 बैच के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और लोगों को प्रभावित करना और धोखा देना शुरू कर दिया, ज्यादातर महिलाओं को निशाना बना रहे थे।आरोपी 50 से अधिक लोगों से 14 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। उसने पैसों के एवज में विभिन्न विभागों में काम करवाने के लिए अपनी फर्जी पहचान का भी इस्तेमाल किया। संजय गांधी अस्पताल, दिल्ली में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की शिकायत पर प्राथमिकी संख्या 75/2022, दिनांक 17.12.2022, आईपीसी की धारा 420, साइबर पुलिस स्टेशन बाहरी जिला, दिल्ली के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि इंस्टाग्राम और फेसबुक पर आईपीएस विकास यादव की फर्जी आईडी से एक व्यक्ति ने उससे दोस्ती कर ली और कुछ दिनों की बातचीत के बाद उसे फोन पे द्वारा 25,000 रुपये जमा करने के लिए कहा और कहा कि उसे पैसे की जरूरत है। अपनी मां के इलाज के लिए जो जानलेवा बीमारी से पीड़ित है।अपराधी को पकड़ने के लिए तुरंत एक टीम गठित की गई और महिला सब इंस्पेक्टर रजनी, हेड कांस्टेबल पवन और कांस्टेबल अनिल वसुंदर को टीम में लिया गया. टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर मुकेश कुमार और इंस्पेक्टर संदीप पंवार, एसएचओ साइबर पीएस बाहरी जिला को दिया गया। समग्र देखरेख में अरुण कुमार चौधरी, सहायक पुलिस आयुक्त/ऑपरेशन/बाहरी जिला। गहन इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, तकनीकी विश्लेषण के बाद संदिग्ध ग्वालियर में स्थित था। छापेमारी की गई और आरोपी विकास गौतम उर्फ विकास यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी विकास गौतम उर्फ विकास यादव ने पहले तो किसी भी तरह के अपराध में शामिल होने से इनकार किया। ।हालांकि, उसके मोबाइल फोन की जांच करने पर आईपीएस विकास यादव के नाम से इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर अकाउंट और जीमेल आईडी विकासयादव 9 @जीमेल.कॉम लॉग इन पाया गया। हरेंद्र के. सिंह आईपीएस पुलिस उपायुक्त बाहरी जिला ने ब्यूरो चीफ विजय गौड़ को बताया कि आरोपी के पास से दो सिम वाला स्मार्ट फोन जिसका उपयोग पीडि़तों से संपर्क कर यूपीआई के माध्यम से पैसे लेने के लिए किया जा रहा था और खाते की 01 बैंक पासबुक जिसमें वह अपने पीड़ितों से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहता था, पुलिस ने बरामद की मामले की आगे की जांच जारी है। दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय गौड़ की विशेष रिपोर्ट |
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