विशेष (18/05/2022) 
मजदूर कल्याण कोष' में 1100 करोड़ जमा, लाभ लेने वाले मजदूर पूरी तरह अनजान
पंजाब की विभिन्न मंडियों व शहरों के चौक-चौराहों पर मजदूरों की रजिस्ट्रेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। ये वो चौक-चौराहे हैं जहां विभिन्न कार्यों के लिए मजदूरों की मंडियां लगती हैं और लोग उन्हें मजदूरी के लिए लेकर जाते हैं, परंतु पंजाब सरकार अभी तक मजदूरों को रजिस्टर नहीं कर सकी है। अभी तक राज्य में केवल 5.50 लाख मजदूर ही रजिस्टर किए जा सके हैं, जबकि राज्य में इनकी संख्या 20 लाख से भी अधिक है।
मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य के कोष में फिलहाल 1100 करोड़ से अधिक की राशि पड़ी है जो पिछले 5 वर्षों से बढ़ती जा रही है जबकि योजनाओं में मिलने वाली राशि लेने के लिए मजदूर आगे ही नहीं आ रहे। मजदूर कल्याण योजना में रजिस्टर्ड मजदूरों के लिए सरकार ने अनेक योजनाएं चला रखी हैं , जिनमें मजदूरों की लड़कियों की शादी पर 31,000 रुपए की शगुन योजना, दुर्घटना में मजदूर की मौत पर 4 लाख रुपए, डेढ़ लाख रुपए तक का मेडिकल बीमा, मजदूर अथवा उनके पारिवारिक सदस्य की किसी सर्जरी पर 50 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता व अन्य छोटी-मोटी बीमारियों पर आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त मजदूर परिवार में किसी की मौत होने पर दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता, मजदूरों के बच्चों के लिए वजीफा योजना, छुट्टियों में किसी धार्मिक अथवा अन्य स्थान पर घूमने जाने के लिए सहायता राशि शामिल है। अभी तक वजीफा योजना ही ऐसी है जिसमें 7378 लोग फायदा ले पाए हैं, जबकि छोटी-छोटी बीमारियों में मदद लेने वाले मजदूरों की संख्या अब तक मात्र 6 ही है। छुट्टियों में घूमने के लिए आर्थिक सहायता लेने वालों की संख्या 663 है।
मजदूर नेता राम प्रकाश, मोहाली का कहना है कि, वास्तव में सरकारों ने मजदूर कल्याण की योजनाओं का प्रचार ही पूरी तरह नहीं किया, जिसके चलते मजदूरों का पंजीकरण नहीं हो सका। इसके लिए विभाग के अधिकारियों और मजदूर नेताओं के सैमीनार होने चाहिएं, ताकि मजदूरों को योजनाओं की पूर्ण जानकारी मिल सके।   लेबर विभाग पंजाब के सचिव सुमेर गुर्जर का कहना है कि, विभाग ने अभियान चलाया है और राज्य के तमाम जिलों में सुबह-सुबह मजदूर चौकों पर जाकर मजदूरों का पंजीकरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विभाग के अधिकारी भी निर्माण स्थलों पर जाकर मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं।

पंजाब से अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट

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