कटनी। भ्रूण हत्या रोकने के लिए शहर के सभी सोनोग्राफी सिस्टमों पर जल्द ही ट्रैकर लगाए जाएंगे। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत सोनोग्राफी सेंटर पर ट्रैकर से निगरानी होगी। कन्या भू्रण हत्या पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए सोनोग्राफी सेंटर को एमपी ऑनलाइन से लिंक किया जाएगा। इसकी कवायद शुरू की जा रही है। जल्द ही फार्म एफ की पूर्ति का कार्य एमपी ऑनलाइन के माध्यम से होगा। इससे भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। जिले में कई सोनोग्राफी सेंटर संचालित है। कुछ सेंटर पर
गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए भी सोनोग्राफी की
जाती है। इस वजह इसका रिकार्ड देखकर आसानी से गड़बड़ी पकड़ी नहीं जा सकती। स्वास्थ्य
विभाग का दावा है कि जिले में एक भी भ्रूण हत्या से जुड़ा मामला प्रकाश में नहीं
आया। इससे कभी इन सेंटरों के रिकार्ड खंगालने की जरूरत ही नहीं पड़ी। प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन ट्रेकिंग सिस्टम लागू किया जाना है।
इसकी भी तैयारियां की जा रही है। सोनोग्राफी मशीन में डाटा एकत्रित करने की
व्यवस्था है। लेकिन ऑनलाइन ट्रेकिंग सिस्टम लागू होने से भू्रण हत्या जैसे मामलों
पर नजर रखी जा सकेगी। सोनोग्राफी के लिए पंजीकृत डॉक्टर का आधार नंबर भी ट्रेकिंग
डिवाइस से जो़ड़ा जाएगा। जिले में सभी सोनाग्राफी सेंटर पर कार्यरत सोनोलॉजिस्ट का
डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा। यह कवायद भी की जाएगी किस सेंटर पर कौन सोनालॉजिस्ट
कार्यरत है। इसमें सीधे भोपाल से ही मानीटरिंग की जाएगी। बिना सोनोलॉजिस्ट वाले
सेंटर बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। गर्भवती माता की सोनोग्राफी करने से पहले व्यक्तिगत जानकारी
दर्ज कराने के लिए भरा जाने वाला फार्म एफ पर खास ध्यान दिया जाएगा। इस फार्म में
महिला की पूरी जानकारी भरी जाएगी। है। साथ ही उसकी आईडी भी ली जाएगी। इसकी पूर्ति
एमपी ऑनलाइन के माध्यम से कराए जाने की योजना है। अभी सेंटरों पर ही इस पीले एम
फार्म में खाना पूर्ति की जाती है। ऑनलाइन फार्म भरा जाने की वजह से इसका रिकार्ड
भी व्यवस्थित रहेगा। कभी भी यह देखा जा सकेगा कि जिले में कितनी सोनाग्राफी कराई
गई हैं। अधूरे फार्म पर अल्ट्रा सोनोग्राफी नहीं की जाएगी। |