राष्ट्रीय (10/07/2015) 
ए.सी.बी प्रमुख एस. एस. यादव के भ्रष्टाचार की गृहमंत्री को शिकायत
नई दिल्ली 10 जुलाई। राष्ट्रवादी शिवसेना के अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख एस.एस. यादव को उनके भ्रष्ट आचरण के लिए तत्काल पदमुक्त करने और उन्हें गिरफ्तार कर मुकद्दमा चलाने की मांग की है। 
अपने पत्र में गोयल ने उस समय के डी.सी.पी.  यादव द्वारा यमुनापार के गोकलपुर व गंगाविहार गांव में 'मंदिर महादेव' की करोड़ों रूपये की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को भ्रष्ट आचरण से सहयोग देने का खुलासा किया है। यही नहीं अवैध कब्जा करने वालों को खुश करने के लिए यादव द्वारा निर्दोषों पर गलत मुकद्दमें ठोकने व उन्हें जेल भेज देने का विवरण भी दिया गया है।
गोयल ने बताया कि 1916 में मंदिर महादेव को 4 वीघा 19 विस्वाह जमीन दान स्वरूप मिली थी जिसकी देखभाल खिदमतदार (सेवादार) करते आ रहे थे। सन् 2010 में जमीन की देखभाल के लिए नियुक्त एक सेवादार के बेटों ने मंदिर कमेटी के तत्कालीन प्रधान के साथ मिलकर लालचवश करोड़ों रूपये की हो चुकी जमीन को बेचना चाहा। उस समय के डी.सी.पी. एस. एस. यादव ने कब्जा करने वालों को पूर्ण संरक्षण दिया व आरोपियों ने जमीन के फर्जी कागज बनवाकर डी.सी.पी के सहयोग से चारदीवारी आदि कर के कब्जा भी कर लिया था लेकिन क्षेत्रवासियों को बाद में पता चल जाने पर की गई चारदीवारी आदि तोड़ कर बांधे गए पशु व अवैध रूप से रह रहे 10-12 मुस्लिम युवकों को वहां से खदेड़ दिया गया। डी.सी.पी एस.एस.यादव, जिन का कब्जा करने वालों के साथ करोड़ों रूपये का लेन देन हुआ था ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर अवैध ढंग से की गई चारदीवारी को तोड़ने के आरोपों में अनेक उन निर्दोष व्यक्तियों को गिरफ्तार कर झूठे मुकदमें दर्ज कर दिए और उन्हें भी जेल भेज दिया जिन का उस मामले में तनिक भी लेना-देना नहीं था। इसकी शिकायतकर्ता भी पुलिस स्वयं ही बनी थी और मुकद्दमें में ऐसी धाराएं लगाई गई जिनका मामले से कोई सम्बंध नहीं था और जल्दी जमानत न हो पाए। 
गोयल ने पत्र में कहा कि बाद में क्षेत्रवासियो द्वारा कोर्ट में मामला ले जाने पर कोर्ट द्वारा की गई विस्तृत जांच के आधार पर फर्जी कागज बना कर कब्जा करने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और उनपर मुकद्दमां दायर किया गया लेकिन इस भ्रष्ट आचरण में मुख्य भूमिका निभाने वाले तत्कालीन डी.सी.पी. एस.एस.यादव आज भी खुले घूम रहे है और दिल्ली में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख बने बैठे है। पत्र में एस.एस.यादव कोे अविलम्ब गिरफ्तार करके मुकद्दमा चलाने की जोरदार मांग करते हुए कहा गया है कि जो व्यक्ति मंदिर जैसे पवित्र स्थल की जमीन को भ्रष्ट आचरण से हथियाने वालों का सहयोग कर सकता है वह देश की राजधानी में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का प्रमुख कैसे हो सकता है।
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