राष्ट्रीय (10/07/2015) 
पहले चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू हों फिर हो पांचवें पर बात- योगेन्द्र चांदोलिया
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन योगेन्द्र चांदोलिया व उत्तरी दिल्ली नगर निगम वार्ड नं0 49 (रोहिणी) के पार्षद व पर्यावरण प्रबंधन सेवायें समिति के अध्यक्ष विजय प्रकाश पांडे ने कहा कि पहले चैथे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू की जाये फिर पांचवे वित्त आयोग के संबंध में बात की जाए। चैथे दिल्ली वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू कराने तथा अपनी शिकायतों के निपटारे के लिये दिल्ली सरकार के विरूद्ध माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में विजय प्रकाश पांडे ने एक जनहित याचिका दायर की थी।
योगेन्द्र चांदोलिया ने इस संबंध में कहा कि इस गंभीर वित्तीय संकट के हल के लिये न्यायालय जाने के अलावा और कोई अन्य विकल्प उनके सामने नहीं हैं बचा था इस पर भी पांचवे वित्त आयोग की बातों से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक चैथे वित्त आयोग की सिफारिशें ही विधानसभा के पटल पर नहीं पेश की जाएगीं तब तक पांचवें के संबंध में सोचने का भी सवाल नहीं उठता। जहां तक निगमों को इतने पैसे देने की बात है तो यह व्यवस्था है, लेकिन निकायों के संचालन हेतु कोई अनुदान नहीं दिया। व्यवस्था के अनुरूप जो राशि दी जा रही है वह भी पूरी नहीं है। उन्होंनेे कहा कि दिल्ली सरकार की लापरवाही के चलते धनराशि की कमी के कारण निगम को अपने मूलभूत कार्यों के निर्वहन में भी अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
पाण्डेय ने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार के द्वारा नगर निगम को उनकी कमाई जैसे कि हस्तांतरण शुल्क, करों में उनकी हिस्सेदारी, चुंगी शुल्क को देने की मांग की है। उन्होंने संविधान अनुसार दिल्ली सरकार को नये करों, शुल्कों, चुंगी करों एवं अनुदानों के निर्धारण में भी विफल करार दिया है। यदि दिल्ली सरकार इसे लागू करने में गंभीर है तो तुरंत सदन की विशेष बैठक बुलाये और इसे पारित करे।
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