राष्ट्रीय (01/07/2015) 
अस्पताल या अखाड़ा, दो चिकित्सक आपस में भिड़े
दोनों के बीच जमकर हुई गाली-गलौच
मरीजों ने कराया दोनों में बीच-बचाव
बिना परमिशन के मरीजों को देख रहा था चिकित्सक
राजनीतिक प्रभाव के चलते अब तक नहीं हुई चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई
मरीजों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा
रेवाड़ी। रेवाड़ी का ट्रामा सैंटर इन दिनों आपसी गुटबाजी के चलते चिकित्सकों का अखाड़ा बनता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के दावों को धता बताते हुए दो चिकित्सक आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच न केवल भारी गाली-गलौच हुई बल्कि जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। इसे शर्मनाक हादसे का गवाह वहां बैठे सैंकड़ों मरीज बने, जो अपना इलाज कराने ट्रामा सैंटर आए थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि अब ट्रामा सैंटर में इलाज नहीं बल्कि डाक्टरों में ही मारपीट होने लगी है। 
तस्वीरों में आप जिन दो शख्सों को झगड़ते हुए देख रहे हैं ये भगवान कहे जाने वाले वो लोग हैं जिनके कंधों पर ट्रामा सैंटर में आने वाले सैंकड़ों मरीजों के उपचार करने की जिम्मेदारी हैं, लेकिन ये तस्वीरें बेहद शर्मनाक हैं जहां दो चिकित्सक एक-दूसरे को भद्दी गालियां देने से नहीं चूक रहे तथा जमकर हाथापाई कर रहे हैं। ट्रामा सैंटर के एक कमरे से शुरू हुआ यह मामला फिर बाहर तक आ पहुंचा जहां दोनों चिकित्सकों को आपस में झगड़ते हुए मरीजों के परिजनों ने छुड़ाया। इतना ही नहीं अब यह मामला पुलिस तक जा पहुंचा है। बेहद शर्मनाक इस हादसे पर अस्पताल के उच्च अधिकारियों ने भी एक तरह से चुप्पी साध ली है। यह पूरा मामला स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दावों की हवा निकालने के लिए काफी है।
आखिर क्यों झगड़ रहे हैं चिकित्सक:
आप तस्वीरों में दो चिकित्सकों को आपस में झगड़ते हुए देखकर यह जरूर सोच रहे होंगे कि आखिर मामला क्या है तो हम आपको बता देते हैं कि अब रेवाड़ी का ट्रामा सैंटर इलाज के लिए कम बल्कि चिकित्सकों के लिए लाखों के वारे-न्यारे करने का स्थान बनकर रह गया है। यही बड़ा कारण है कि यह अस्पताल चिकित्सकों की गुटबाजी का अड्डा बनता जा रहा है। यहां कार्यरत आर्थो चिकित्सक डा. आरके यादव का कार्यकाल गत 31 मार्च को ही खत्म हो गया था, लेकिन उसके बावजूद यह चिकित्सक लगातार इसी सीट नी बैठक बिना किसी वेतन और परमिशन के अपनी सेवाएं देता आ रहा है। जब यह मामला तूल पकडऩे लगा तो आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग ने इसी चिकित्सक की अस्थायी नियुक्ति सामान्य अस्पताल में बतौर मैडीकल आफिसर कर दी, लेकिन यह चिकित्सक बजाय सामान्य अस्पताल में बैठने के ट्रामा सैंटर के उसी कमरे में बैठकर मरीजों की जांच व उनके आपरेशन कर रहा है। इस चिकित्सक पर पहले भी कई बार गरीबों से मोटी रकम लेकर आपरेशन करने तक के आरोप लग चुके हैं, मगर इस चिकित्सक की राजनीतिक पकड़ होने के चलते अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। आपरेशनों के माध्यम से अवैध रूप से कमाए जाने वाले लाखों रूपए को लेकर यहां नियुक्त चिकित्सक आपस में झगड़ रहे हैं। दोनों डाक्टर दबी जुबान में एक-दूसरे पर कमीशन के लाखों रूपए हड़पने का आरोप भी लगा रहे हैं, लेकिन विभाग इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। 
पुलिस के पास पहुंचा मामला:
गाली-गलौच और धक्का-मुक्की का यह मामला अब पुलिस में भी जा पहुंचा है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. महिपाल ने बाकायदा एक लिखित शिकायत गोकल गेट पुलिस चौकी को दी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सर्जन डा. आरके यादव बिना किसी परमिशन के ट्रामा सैंटर में बैठकर मरीजों की जांच कर रहा है। पुलिस भी अब फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि यह मामला चिकित्सकों की गुटबाजी से जुड़ा हुआ है। 
क्या कहते हैं अधिकारी:
जब इस विषय में अस्पताल के एसएमओ डा. सुदर्शन पवार से बात की गई तो इस घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि ट्रामा सैंटर में आर्थो का काम देख रहे डा. आरके यादव को वहां बैठने की कोई परमिशन नहीं दी हुई है। उनकी ड्यूटी सामान्य अस्पताल में लगाई गई है और यहां वे अपनी सीट से नदारद रहते हैं। इस मामले की पूरी जानकारी उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को दे दी है। 
खबर फास्ट न्यूज ने पहले भी उठाया था मामला:
खबर फास्ट ने पहले भी ट्रामा सैंटर की कलई खोलते हुए इसी चिकित्सक द्वारा एक बीपीएल कार्ड धारक से 10 हजार रूपए लेकर आपरेशन करने का मामला उठाया था। उसके बाद उच्च अधिकारियों द्वारा उस मामले में जांच के आदेश भी दिए गए थे। यही नहीं पीडि़त ने भी उपायुक्त को लिखित शिकायत देकर डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन राजनीतिक प्रभाव होने के कारण आज तक इस चिकित्सक का कुछ नहीं बिगड़ा। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस शर्मनाक घटनाक्रम के बाद क्या स्वास्थ्य विभाग इस चिकित्सक के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या फिर ट्रामा सैंटर इसी तरह चिकित्सकों का अखाड़ा बनकर रह जाएगा।
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