राष्ट्रीय (30/06/2015) 
खून पसीना खर्च करने पर भी नहीं है आधार कार्ड को मान्यता
कैथल:-  चुनाव आयोग द्वारा होने वाले पंचायती चुनावों को देखते हुए हर गांव में नए वोट आदि बनाने का कार्य किया गया था, परन्तु उसके बाद भी गांवों में सैकड़ों युवाओं को वोट से वंचित रहना पड़ रहा है। प्रदेश के वोट बनाने वाले कर्मचारी सरकार की विभिन्न योजनाओं में आने वाले आधार कार्ड को मानते ही नही। अब उन मजदूर व्यक्तियों के सामने समस्या पैदा हो गई जो अनपढ़ है। इनमें अधिकतर लड़कियां है। अधिकारी हर गांव में अपनी जिम्मेवारी निभाने के लिए गए भी लेकिन नए वोटों के आए आकड़ों से ऐसा लगता है कि वोट बनाने वाले अधिकारियों ने अपने काम में रुची न रखते हुए कार्य किया। ग्रामीण राम कुमार, जयपाल, राम शरण, रिंकू, राजेश, कपिल आदि ने बताया कि जब उनके द्वारा मौजूद अधिकारियों को अपनी वोट बनवाने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए आधार कार्ड दिखाए गए तो अधिकारियों ने कहा कि आधार कार्ड नई वोट बनाने के लिए मान्य नहीं है। ऐसे में जब आधार कार्ड का उपयोग सरकारी कामों में होता है तो वोट बनाने में क्यों नहीं? वहीं दूसरी ओर यदि किसी व्यक्ति के पास पूरे कागजों में से एक कागज भी नहीं था तो अधिकारियों द्वारा उनकी वोट नहीं बनाई गई। जिसके चलते अबकि बार सैंकड़ों की सख्यां में व्यक्ति अपने मताधिकार से वंचित रह जाएंगे, जबकि वोट डालना सबका अपना हक है। 

सिर्फ नाम मात्र ही बन पाई वोट- पंचायत अधिकारी
इस बारे में  बलदेव सिंह पंचायत अधिकारी ने बताया कि नई वोट बनाने के कार्यक्रम के तहत 14 हजार की अबादी वाले पाई में केवल 5 नई वोट बनी तो भाणा में केवल 7, पिलनी में कुल 94, हाबड़ी में 35, बरसाना में 36, डीग में 1 वोट बनी है। इसके चलते कुछ एक गांव तो ऐसे है जो अपना खाता भी नहीं खोल पाए जैसे करोड़ा गांव में एक भी नई वोट नहीं बनी, इसी के साथ हजवाना गांव का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। विभाग द्वारा बनाई गई वोटों की सख्यां को देखते हुए ऐसा ही लगता है कि विभाग के अधिकारियों की रुची वोट बनाने में नहीं रही होगी या फिर युवा वर्ग अपनी जिम्मेवारी से भाग रहा है।
 
आधार कार्ड वोट बनाने के लिए मान्य नहीं है तो इसका उपयोग क्यों?
ग्रामीण शमशेर, सुभाष, नरेन्द्र आदि ने प्रशासन को कहा है कि यदि आधार कार्ड वोट बनाने के लिए मान्य नहीं है तो इसका उपयोग क्यों किया जाता है और सरकार कि ओर से आये आदेशों के साथ इनका लिंक वोट से क्यों जोड़ा गया। पहले तो सरकार ने आदेश जारी कर सभी के आधार कार्ड बनवाए अब जब आधार कार्ड है तो उनका उपयोग कुछ नहीं है। ऐसे में जनता करे तो क्या करे। वहीं दूसरी ओर अगर देखा जाए तो बिना आधार कार्ड के बुजुर्गों को पैंशन तक नहीं दी जाती और यहां वोट बनाने के लिए इसका काई उपयोग ही नहीं है।
ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि वे आधार कार्ड को वोट बनाने के लिए उपयोग में लाए।
सरकारी आदेशों के अनुसार ही कार्य किया गया- बी डी पी ओ
जब इस मामले के बारे में बी डी पी ओ दीनानाथ शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकारी आदेशों के अनुसार ही कार्य किया गया है, जिसके पूरे कागज थे उनकी वोट बनाई गई है पूरा कागज न होने पर वोट नहीं बनाई गई और आधार कार्ड की जन्म तिथि या आधार कार्ड के बारे में अभी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
राजकुमार अग्रवाल
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