राष्ट्रीय (26/06/2015) 
स्वच्छ भारत मिश के तहत हरियाणा के लिए 478 करोड़ की मंजूरी
हरियाणा के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत भारत सरकार ने हरियाणा के लिए वर्ष 2015-16 हेतु 478 करोड़ की परियोजना मंजूर की है। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने वर्ष 2017 तक प्रदेश के शत-प्रतिशत गांवों में टॉयलेट बनाने का लक्ष्य रखा है।
        वे आज स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के उदघाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हरियाणा सरकार दृढ़ संकल्प है। 
      धनखड़ ने कहा कि आज की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए दूसरे राज्यों द्वारा अपनाई गई बेहतरीन तकनीक की जानकारी देना है। लोगों की सहभागिता से ही स्वच्छ भारत मिशन  के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विशेषज्ञों से आह्वान किया कि वे लोगों को इस प्रकार से जागरूक करें कि उनके व्यवहार में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन आ सके। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि खुले में शौच जाने से अनेक बिमारियां एवं कुपोषण फैलता है। उन्होंने कहा कि सरकार तरल कचरा के पूरी तरह से निस्तारण करने के लिए बनाए जाने वाली योजना एवं तकनीक में सुधार पर भारी निवेश करने के लिए तैयार है। उन्होंने अधिकारियों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि वे लोगों को स्वच्छता के प्रति न केवल जागरूक करें,बल्कि सफाई को आजीवन प्रतिबद्धता के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करें।
       ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू ने इस अवसर पर बताया कि भारत में वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण स्वच्छता मात्र एक प्रतिशत थी,जबकि वर्ष 2001 में 22 प्रतिशत और वर्ष 2011 तक 33 प्रतिशत तक स्वच्छता थी। उन्होंने बताया कि हरियाणा ,देश में उन शीर्ष राज्यों में से है जहां 86 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र के घरों में टॉयलेट बन चुके हैं। 
        इस अवसर पर स्वच्छता क्षेत्र के विशेषज्ञों के अलावा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की प्रतिनिधि डॉ. सायनी, ग्रामीण विज्ञान केंद्र की ओर से डॉ. सोहम पांडया, मुंबई के वॉस कन्सलटेंट डॉ. आनंद घोडके, नीरी नागपुर से डॉ. राजेश बिनीवाले के अलावा पंचायत विभाग एवं ग्रामीण विकास से संबंधित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
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