राष्ट्रीय (22/06/2015) 
काला धन जमा करने के मामले में भारत 61 वे नम्बर पर

नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड के बैंकों में विदेशियों के जमा धन की सूची में भारत खिसककर 61वें स्थान पर आ गया है। स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली में 1,600 अरब डालर (102400 अरब रुपए) का विदेशी धन जमा है। इसमें भारत का हिस्सा मात्र 0.123 फीसदी है। ब्रिटेन और अमेरिका विदेशी ग्राहकों के जमा धन के मामले में शीर्ष दो स्थानों पर कायम हैं। पाकिस्तान इस सूची में चढ़कर 73वें स्थान पर आ गया है।

दिलचस्प तथ्य यह है कि स्विस बैंकों में जमा विदेशी धन में से लगभग दो-तिहाई सिर्फ दो बैंकों यूबीएस व क्रेडिट सुइस में जमा है। भारतीयों के कुल धन में से 82 प्रतिशत इन दोनों बैंकों में जमा है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंकिंग प्राधिकरण स्विस नेशनल बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2014 में स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन 10 प्रतिशत घटकर 1.8 अरब स्विस फ्रैंक (1.98 अरब डालर या 12,615 करोड़ रुपए) रह गया है। यह स्विस बैंकों में रखे कुल विदेशी धन का मात्र 0.123 प्रतिशत बैठता है।

यह स्विस बैंकों में जमा भारतीय धन का दूसरा निचला स्तर है। इससे पहले 2013 में इसमें करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। ताजा आंकड़े ऐसे समय आए हैं जबकि स्विट्जरलैंड पर अपनी बैंकिंग गोपनीयता की दीवार तोड़ने के लिए लगातार दबाव बढ़ रहा है। एसएनबी के आधिकारिक आंकड़ों में भारतीयों व अन्य का स्विस बैंकों में जमा वह धन नहीं है, जो किसी अन्य देश की इकाई के नाम पर जमा है।

स्विट्जरलैंड ने पहली बड़ी स्वीकारोक्ति की है कि वह विदेशों में कमाए गए कालाधन को सफेद करने के लिए आकर्षक स्थल है। उसने कहा कि आतंकियों के हाथों में उसके यहां से धन जाने से रोकने और कालाधन को आने से रोकने के लिए तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। स्विट्जरलैंड के एक उच्च स्तरीय सरकारी पैनल फेडरल काउंसिल ने कहा कि स्विट्जरलैंड वित्तीय अपराध से बचा हुआ नहीं है और उसकी बैंकों में इस तरह की जोखिम सबसे ज्यादा है। स्विट्जरलैंड ने उन देशों के नाम नहीं लिए, जहां से उसके यहां अवैध धन आ रहा है।

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