राष्ट्रीय (18/06/2015) 
बैंगलुरू की तर्ज पर हरियाणा में NAAC गठित करने की घोषणा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता बढाने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के कार्य प्रदर्शन आंकलन के लिए गठित राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एन ए ए सी), बैंगलुरू की तर्ज पर हरियाणा राज्य मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद गठित करने की घोषणा की। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो  एस ए ए सी गठन की सम्भावनाओं का पता लगाएगी।
यह घोषणा मुख्यमंत्री ने आज यहां हुई राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में 16 पीठ स्थापित की गई है, परन्तु रखरखाव व शोध कार्य नाममात्र है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विश्वविद्यालयों में विभिन्न विभूतियों के नाम स्थापित की गई पीठ पर सही मायने में कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज की ऐसी विभूतियों के प्रति भाव-भावना व श्रद्धा जुडी होती है। इसके लिए उद्योग सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सहयोग भी लिया जा सकता है। 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की मैपिंग की जा रही है और पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र से स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के लिए दाखिले ऑनलाईन किये जा रहे है। अब तक 1.30 लाख विद्यार्थियों ने दाखिले के लिये ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन किया है। 
बैठक में शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार नई शिक्षा नीति की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि जे बी टी व बी एड महाविद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। ऐसे कुछ महाविद्यालय विद्यार्थियों का दाखिला भारी फीस लेकर कर रहे है, ऐसी जानकारी शिक्षा विभाग के पास है। सभी महाविद्यालयों को निर्धारित मानदण्ड पूरे करने होंगे। 
बैठक में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने प्रस्तुतिकरण दिया। राज्य में 15 विश्वविद्यालय, 18 निजी विश्वविद्यालय, एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा 9 डीम्ड विश्वविद्यालय संचालित है। इसके अलावा 108 राजकीय महाविद्यालय संचालित है। प्रदेश में महाविद्यालयों की कुल संख्या 731 है, जिनमें 456 बी एड कालेज है। 
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि उच्चतर शिक्षा के लिए 28.7 प्रतिशत सकल दाखिला अनुपात है, जबकि राष्ट्रीय अनुपात 20.4 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में अधिक से अधिक अनुसन्धान पर बल देने की आवश्यकता बताया। इसके लिए समय-समय पर सेमीनार व कार्यशाला आयोजन किया जाना चाहिए। संकाय सदस्यों को भी अनुसन्धान कार्य के प्रति प्रेरित होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने हुनर के अनुरूप कौशल विकास के पाठ्यक्रम तैयार करने को भी कहा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप बनाए गए राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के तहत ऐसे युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार योग्य बनाया जा सकता है। 
तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव धीरा खण्डेलवाल ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि हरियाणा कौशल विकास मिशन का गठन किया गया है, जिसके तहत उद्योगों को उनकी मांग के अनुरूप प्रशिक्षण उपलब्ध करवाकर कार्यबल तैयार किया जाएगा। उन्होंने कौशल अन्तराल विश्लेषण के आंकडे भी प्रस्तुत किये।
बैठक में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत खेल विज्ञान, स्पोट्र्स मैडिसन के कोर्स संचालित करने पर भी चर्चा हुई। इस पर चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी के कुलपति डॉ० गक्खड ने बताया कि विश्वविद्यालय में एम एससी खेल विज्ञान तथा जनस्वास्थ्य से सम्बन्धित नये पाठ्यक्रम चलाने की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नये महाविद्यालय आवश्यकता के अनुरूप खोले जाएंगे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय भले ही स्वायत्त संस्थान है, परन्तु राज्य सरकार व विश्वविद्यालय एक ही है। उन्होंने कुलपतियों को विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने को कहा क्योंकि पिछली सरकार के समय भर्ती किये गए कुछ मामलों में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्रतिकूल टिप्पणी दी है।
बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के लिए वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 542 करोड रुपये योजनागत तथा 838.10 करोड रुपये गैर योजनागत बजट को स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के तहत विश्वविद्यालयों में ऑटोमोबाईल, एण्टरटेनमैंट, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, मार्केटिंग, कृषि, कंस्ट्रक्शन, एप्लाईड आट्र्स, पर्यटन तथा प्रिंटिंग एवं पब्लिशिंग के स्नातक व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम चलाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में मुख्य सचिव डी एस ढेसी, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता, वित्त विभाग के प्रधान सचिव पी के दास के अलावा कुरूक्षेत्र, रोहतक, सिरसा, हिसार, भिवानी, खानपुर कलां, मुरथल (सोनीपत), वाईएमसीए फरीदाबाद, रेवाडी तथा जींद स्थित राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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