राष्ट्रीय (12/06/2015) 
न्याय के लिए दर-दर भटक रही 59 वर्षीय सावित्री
कौन सुने फरियाद
दर्जनों शिकायत देने के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
केस दर्ज होने के बाद भी आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर
शिकायत वापस लेने के लिए थाना प्रभारी बना रहे हैं दबाव
रेवाड़ी । सरकार सीनियर सिटीजन व महिलाओं को लेकर बड़े बड़े दावे करती है। यही नहीं सुशासन देने के दावे भी कम नहीं किए जाते, लेकिन अगर धरातल में तस्वीर कुछ और ही नजर आती है। मुख्यमंत्री ऐसे लाख दावे करे, लेकिन मातहत अधिकारी उनके इन दावों की हवा निकलने के लिए काफी हैं। 
इसका एक ताजा उदाहरण रेवाड़ी शहर के मोहल्ला संघीवाड़ा में देखने को मिला है। यहां रहने वाली करीब 59 वर्षीय सावित्री को बुढ़ापे पर जहां जीवन साथी दगा दे गया तो अब प्रशासनिक अधिकारी भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं हैं। इसकी आपबीती सुनकर सरकार द्वारा किए जाने वाले सुशासन के दावों की हवा निकलती नजर आ रही है। बच्चे न होने के कारण सावित्री के पति ने दूसरी शादी कर ली थी और वह आज दूसरी पत्नी से हुए बेटे के साथ रह रहा है, लेकिन सावित्री आज भी अपने ही घर में एकाकी जीवन जीने को मजबूर है। सावित्री को दिक्कतें तो उस वक्त शुरू हुई जब उसके पड़ोसी में तांबे को गलाने वाली 3 आधुनिक मशीनें लगाकर कारखाना खोल दिया। ऐसे में सावित्री की रात की नींद और दिन का चैन खो गया। पहले तो उसने कई बार पड़ोसियों को आगाह किया, लेकिन जब पड़ोसी बाज नहीं आए तो उसने नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन के तमाम आला अधिकारियों के सामने एक दर्जन् से अधिक शिकायतें देकर रिहायशी क्षेत्र में चल रही इस फैक्ट्री को हटवाने की गुहार लगाई। इस पर अधिकारी आते तो गुरराते हुए, लेकिन जाते वक्त मौन साध जाते हैं। 
फैक्ट्री मालिक धड़ल्ले से कह रहा है कि उसने 20 लाख रूपए का लोन लेकर रिहायशी क्षेत्र में लघु उद्योग लगाया हुआ है। फिर न जाने अधिकारियों ने किस बिना पर उसे क्लीन चिट दी हुई है। सावित्री को फैक्ट्री मालिक ने काफी डराया धमकाया और कुछ दिन पहले तो उसके सामने आकर अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। इस पर सावित्री ने फैक्ट्री मालिक के खिलाफ शहर थाना पुलिस में केस दर्ज करा दिया, लेकिन आज तक गिरफ्तारी होना तो दूर थाना प्रभारी उसे ही शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। 
अब देखना यह होगा कि क्या सावित्री देवी को न्याय मिल पाएगा या फिर सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी दावे सिर्फ दावे ही बनकर रह जाएंगे। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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