राष्ट्रीय (11/06/2015) 
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की टीमेें गांव-गांव जाकर करेगी स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की पड़ताल

हरियाणा के हर जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए गठित टीमेें गांव-गांव जाकर वहां बच्चियों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की पड़ताल कर रही है।बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. योगेंद्र सिंह मलिक ने आज फरीदाबाद में इस अभियान की सफलता के लिए सभी विभागों से सहयोग करने का आह्वान किया। पिछले दो दिनों तक फतेहाबाद के अनेक गांवों के आंगनवाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण टीमों द्वारा किया गया है। निरीक्षण किए गए केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं व उनमें पाई गई कमियों की ओर भी उन्होंने अधिकारियों का ध्यान दिलाया और व्यक्तिगत प्रयास करके इनमें सुधार करवाने को कहा। उन्होंने पिछले छह माह के दौरान जिला के लिंगानुपात में हुए सुधार के लिए प्रशासन की सराहना भी की।

\उन्होंने प्रदेश के हर जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सेवा व मिशन के भाव से शुरू करवाया है और वे इसके सकारात्मक परिणामों के प्रति अति गंभीर हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सरकारी तंत्र के माध्यम से बेटियों की जन्म दर बढ़ाने, उनके पोषण तथा उनकी सुरक्षा के प्रति समाज में सकारात्मक बदलाव किए जाएंगे और अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को जन-जन तक पहुंचाने तथा लोगों में जागरूकता लाने के लिए जिला उपायुक्त एनके सोलंकी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बेटियों की कम होती संख्या समाज के लिए कितनी घातक है, इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। समाज के अस्तित्व के लिए एक-एक बच्ची को बचाना व पढ़ाना हम सभी का दायित्व है।

डॉ. मलिक ने कहा कि इस अभियान के संबंध में आज यह पहली बैठक है जिसमें अधिकारियों को जिला में बच्चियों की जन्म दर, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक परिस्थितियों की जानकारी दी जा रही है। अभियान की प्रगति की समीक्षा हर तीन माह बाद होगी और इसमें अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके द्वारा किए गए प्रयासों की समीक्षा की जाएगी। यदि कोई विभाग व अधिकारी अभियान के प्रति कोताही बरतेगा अथवा अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर नहीं होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

बैठक में लड़कियों की मृत्यु दर को कम करने, उन्हें शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने, उनकी स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने, उनके लिए शौचालयों की उपलब्धता, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, गर्भवती महिलाओं का नियमित चेकअप, स्वास्थ्य जांच व लड़कियों के लिए सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करने के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के 12 जिले देश के उन 100 गांवों की सूची में शामिल हैं जहां लिंगानुपात चिंताजनक स्तर पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 22 जनवरी से हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया है जिसकी सफलता के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं व्यक्तिगत रूप से इसका निरीक्षण कर रहे हैं।

डॉ. मलिक ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने आप को 9 से 5 की डयूटी तक सीमित न करें बल्कि अपने आप को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से जोड़कर समाज के लिए भी कुछ सार्थक करें। ऐसा करके वे वास्तव में संतुष्टि का अनुभव करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारी उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल करें और सभी विभागाध्यक्ष अपने कर्मचारियों के साथ बैठक में भी इस अभियान की उपयोगिता के बारे में चर्चा करें ताकि अधिक से अधिक लोगों की मानसिकता में बदलाव आए। उन्होंने कहा कि सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले लोग बेटियों को पैदा होने के बाद मारते थे, फिर गर्भ में ही उनकी हत्या करने लगे और आज तो कोशिश करते हैं कि बेटियां गर्भ में आए ही नहीं। यह वास्तव में गंभीर मानसिकता है जिससे समाज का ढांचा पूरी तरह से चरमरा जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों में भ्रामक अवधारणा है कि किसी दवाई से बेटा पैदा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दवाई से बेटा तो पैदा नहीं होता लेकिन इसके दुष्प्रभाव से संतान विकलांग जरूर हो सकती है। लड़कियों की कम होती संख्या के कारण कई गांवों में तो सैकड़ों लड़कों की शादियां नहीं हो रही है। इससे समाज में अनेक प्रकार की बुराइयां पैदा हो रही हैं।

 डॉ. मलिक ने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव के लिए हमें एक बार नहीं, बार-बार लोगों के बीच जाना होगा तथा उन्हें जगाने के प्रयास लगातार जारी रखने होंगे। लड़कों के समान लड़कियों को शिक्षा व नौकरी के अवसर मुहैया करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस अभियान के सफल संचालन के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइंस तैयार हो चुकी है जिसके माध्यम से प्रभावी अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हर माह अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की जानी चाहिए।

जिला उपायुक्त एनके सोलंकी ने चंडीगढ़ से आई टीम का स्वागत करते हुए जिला में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा गठित की गई टीम के साथ मिलकर इस अभियान को प्रभावी ढंग से चलाया जाएगा। उन्होंने इस अभियान में सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी के प्रति टीम को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले 6 माह में जिला में लिगांनुपात में काफी सुधार हुआ है और लड़कियों की जन्म दर बढ़ी है। उन्होंने एसडीएम व बीडीपीओ को अपने-अपने क्षेत्र में लड़कियों की स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा।

उपायुक्त ने कहा कि भारत युवाओं का देश और पूरी दुनिया की नजर हमारी युवा शक्ति पर है। 2030 तक भारत विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल होकर विश्व की महाशक्ति बनेगा। इसके लिए देश में सामाजिक संतुलन का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब हम लड़का और लड़की में भेद करना बंद कर देंगे तथा लड़कियों को भी लड़कों के समान अवसर मुहैया करवाएंगे तभी हम विकास के नए आयाम छूएंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी के सामूहिक प्रयासों से समाज की मानसिकता में बदलाव जरूर आएगा।

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