राष्ट्रीय (10/06/2015) 
मुख्यमंत्री शिकायत निवारण पटल पर शिकायतों को विचार-विमर्श करके निपटाएं
कैथल :-मुख्यमंत्री शिकायत निवारण पटल पर प्राप्त होने वाली सभी शिकायतों का अविलंब निपटारा किया जाए। इन शिकायतों के निपटारे के लिए सही दस्तावेज ही संलग्र करें तथा शिकायतों को अंतरिम तौर पर न निपटाएं, बल्कि शिकायतकर्ता से विचार-विमर्श करके इनका पूर्ण निपटारा सुनिश्चित किया जाए। प्राप्त शिकायतों का निपटारा हर विभाग द्वारा 5 कार्य दिवसों में करना सुनिश्चित किया जाए, ताकि समय पर शिकायतें निपटाई जा सकें।  ये दिशा-निर्देश मुख्यमंत्री शिकायत निवारण पटल के जिला इंचार्ज एवं नगराधीश नवीन कुमार आहुजा ने आज लघु सचिवालय स्थित सभागार में मुख्यमंत्री शिकायत निवारण पटल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा करते हुए उपस्थित विभागाध्यक्षों को दिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त के.मकरंद पांडुरंग ने सभी विभागों के उच्चाधिकारियों को यह निर्देश दिए है कि वे मुख्यमंत्री शिकायत निवारण पटल पर प्राप्त होने वाली सभी शिकायतों का तय समय में निपटारा करना सुनिश्चित करें तथा निपटारे के साथ सही दस्तावेज ही संलग्र करें। नगराधीश ने कहा कि पटल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निपटारे की समीक्षा के दौरान यह सामने आया है कि कुछ विभागों द्वारा शिकायतों के निपटारे के लिए ज्यादा समय लगाया जा रहा है, जोकि गलत है। प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं इस पटल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की समय-समय पर समीक्षा करते हैं तथा शिकायतकर्ताओं से भी उनकी शिकायत केे निपटारे की जानकारी हासिल करते हैं। शिकायतों का निपटारा करते समय संबंधित शिकायत कर्ता से बातचीत की जाए तथा उसे संतुष्ट करके ही शिकायतों का निपटारा किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ विभागों द्वारा शिकायतों को लंबे समय तक लंबित 
रखने के बाद यह टिप्पणी की जाती है कि उन्हें प्राप्त शिकायत किसी अन्य विभाग की है। कोई भी विभाग शिकायत प्राप्त होते ही तुरंत इस पर कार्रवाई करें तथा इन्हें लंबित न रखें और यदि किसी अन्य विभाग की शिकायत प्राप्त होती है तो वे संबंधित अधिकारी को इस बारे में शिकायत भेजकर तथा फोन पर भी उन्हें जानकारी दें। उन्होंने कहा कि कुछ शिकायतों के निपटारे की समीक्षा के दौरान यह सामने आया है कि संबंधित विभाग द्वारा संबंधित शिकायत के बारे में दस्तावेज संलग्र न करके किसी अन्य शिकायत से संबंधित दस्तावेज संलग्र किया गया है तथा अन्य शिकायतों में यह भी देखने को मिला है कि विभाग द्वारा शिकायतों के निपटारे में उल्लेख किया गया है कि शिकायत के संदर्भ में आवश्यक दस्तावेज संलग्र किए गए हैं, परंतू वास्तव में उस शिकायत के साथ कोई दस्तावेज संलग्र नही मिला। उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत का निपटारा करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि शिकायत का अंतरिम निपटारा न करके, बल्कि स्पष्ट रूप से इसका समाधान किया जाए। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
राजकुमार अग्रवाल
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