राष्ट्रीय (07/06/2015) 
मंचों के माध्यम से लाएंगे लोगों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में जागरूकता

हरियाणा सरकार प्रदेश के स्कूलों में बालिका मंच भी स्थापित करने जा रही है। इन मंचों के माध्यम से लोगों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए जागरूकता लाने का कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बेटी बचाने व बेटी पढ़ाने में जो भी व्यक्ति अथवा संस्थाएं अपना उल्लेखनीय योगदान देंगी उन्हें सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा। ऐसे सम्मान स्कूल व जिला स्तर पर प्रदान किए जाएंगे।

    यह जानकारी मुख्यमंत्री के सलाहकार (बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ) डॉ. योगेंद्र सिंह मलिक ने आज रोहतक में दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को गंभीरता से लिया है और वे स्वयं इसकी मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं।            उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान समूचे समाज का कार्यक्रम है और इस अभियान से एक-एक व्यक्ति को जोड़ा जाएगा।

        डॉ. मलिक ने कहा कि आर्य समाज इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है और उनका प्रयास रहेगा कि और भी सक्रिय संगठन व संस्थाएं इस अभियान से जुड़कर बेटियों के लिए समाज में जागरूकता लाने का काम करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता को बदलना है और यह कार्यक्रम तभी सफल हो पाएगा जब समाज का एक-एक बच्चा, महिला व पुरूष इसके साथ जुडे़गे।

      उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सरकार तो अपना काम कर ही रही है लेकिन समाज को भी अपने नैतिक दायित्व का निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में भी लड़कियों का स्थान सर्वोपरि है और सरकार चाहती है कि लड़कियों को उसी स्थान पर पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि घटते लिंगानुपात पर नियंत्रण करना, खून की कमी को दूर करना, कुपोषण से बचाना, अच्छी शिक्षा प्रदान करना व कोई भी लड़की बीच में न स्कूल छोडे़, ये सभी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का हिस्सा है।

        उन्होंने कहा कि इस अभियान के संबंध में उपायुक्तों को भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कन्या भू्रण जांच के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए डॉ. मलिक ने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसमें कन्या भू्रण जांच के संबंध में सजा की जा चुकी है।

Copyright @ 2019.