राष्ट्रीय (02/06/2015) 
भ्रूण जांच के एक मामले में चार को दो-दो वर्ष की सजा
हरियाणा के जिला अम्बाला में न्यायिक अधिकारी प्रथम श्रेणी रेखा की अदालत ने भ्रूण जांच के एक मामले में शामिल चार लोगों को दो-दो वर्ष की सजा सुनाई है और सभी दोषियों को एक-एक हजार रूपये का जुर्माना भी किया गया है। इस मामले में शामिल सौंडा निवासी जसपाल सिंह, अम्बाला निवासी पंकज गुप्ता, बनूड निवासी मनजिन्द्र कौर और बनूड के ही गगनदीप सिंह को यह सजा सुनाई है।
मामले की जानकारी देते हुए अम्बाला के सिविल सर्जन डा. विनोद गुप्ता और पीएनडीटी के नोडल अधिकारी एवं उपसिविल सर्जन डा. बी.बी. लाला ने बताया कि 9 जुलाई 2012 को सूचना प्राप्त हुई थी कि गांव सौंडा में जसपाल सिंह नामक व्यक्ति के घर पर गैर कानूनी तरीके से क्लीनिक चलाई जा रही है और इस क्लीनिक पर पंकज कुमार गुप्ता द्वारा गैर पंजीकृत अल्ट्रासाउंड मशीन से गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच की जाती थी। सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डा. बी.बी. लाला के नेतृत्व में इस क्लीनिक पर औचक रेड की और जसपाल सिंह, पंकज कुमार गुप्ता और भ्रूण जांच करवाने आई महिला व उसे लेकर आने वाले चालक को मौके पर काबू कर लिया गया। उस दौरान जसपाल सिंह के मकान पर महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच की जा रही थी। 
इस मामले में शामिल बनूढ़ (पंजाब) निवासी मनजिन्द्र कौर चालक गगनदीप सिंह के साथ गांव सौंडा में भ्रूण जांच करवाने के लिए आई थी। इस महिला के पास पहले भी एक लडक़ी थी और गर्भवती होने के बाद यह जांच करवाने आई थी कि उसके गर्भ में पल रहा भ्रूण लडक़ा है अथवा लडक़ी। सौंडा नामक गांव में जहां पर यह जांच की जा रही थी, न केवल वह क्लीनिक गैर कानूनी थी बल्कि जसपाल सिंह के मकान पर पंकज गुप्ता द्वारा इस जांच में प्रयोग की जा रही अल्ट्रासाउंड मशीन भी गैर पंजीकृत थी। विभाग की रेड के बाद यह महिला गर्भपात नही करवा पाई और डा. बी.बी. लाला व उनकी टीम के साथियों ने जसपाल सिंह, पंकज गुप्ता, मनजिन्द्र कौर और चालक गगनदीप सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार करवाया था। डा. बी.बी. लाला ने बताया कि इसके अलावा भी भ्रूण जांच से सम्बन्धित तीन अन्य मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
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