राष्ट्रीय (28/05/2015) 
करनाल में महिलाओं के लिए होगी 'वन स्टोप सैंटर' की स्थापना

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक छत के नीचे समेकित सहयोग एवं सहायता मुहैया करवाने के लिए 'वन स्टोप सैंटर' स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस केन्द्र के निर्माण पर 58.87 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी, जो 300 वर्ग मीटर क्षेत्र में महिला आश्रम परिसर में बनाया जाएगा। यह केन्द्र कल्पना चावल मैडिकल कालेज से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर होगा।

        केन्द्र सरकार इस योजना के तहत 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता राज्य सरकार को उपलब्ध करवाएगी और राज्य सरकार इसके लागूकरण और प्रशासनिक मामलों की जिम्मेदार होगी। पहले चरण में पायलट आधार पर प्रत्येक राज्य में एक केन्द्र स्थापित किया जाएगा।

          'वन स्टोप सैंटर' में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को परिवार में, समुदाय और कार्यक्षेत्र में सहायता दी जाएगी। इस केन्द्र में शारीरिक, यौन उत्पीड़न, भावना, मनोविज्ञान और आर्थिक तौर पर, आयु से सम्बन्धित, जाति, वर्ग, शिक्षा का स्तर, वैवाहिक स्तर, रंगभेद एवं संस्कृति से प्रभावित महिलाओं की सहायता एवं समाधान के लिए होेगा। किसी प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए जैसेकि यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, मानव तस्करी, सम्मान सम्बन्धित अपराध, तेजाब आक्रमण से प्रभावित केन्द्र में पहुंची या भेजी गई महिलाओं को विशेष सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी।  वन स्टोप सैंटर 181 नंबर से जुडा होगा और अन्य किसी हेल्पलाईन से जुडा होगा। केन्द्र द्वारा भेजी गई हिंसा से पीडित महिलाओं की समस्याओं के समाधान की सेवाएं दी जा सकेंगी।

यह केन्द्र महिला हेल्पलाईन के साथ जुडा होगा ताकि विभिन्न प्रकार की सेवाएं दी जा सकें जैसे कि हैल्पलाईन या केन्द्र के माध्यम से भेजी गई पीडित महिलाओं की चिकि त्सा सहायता जिसमें एम्बुलेंस, पुलिस सहायता, एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सहायता, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक सहायता एवं काउंसलिंग, कानूनी सहायता और काउंसलिंग, शैल्टर और वीडियो कान्फ्रैंसिंग सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, केन्द्र के माध्यम से प्रभावित महिलाओं को राहत देने के लिए विशेषतौर सहकर्मी की सहायता के साथ-साथ और स्थानीय समुदाय के जुड़े हितधारकों, गैर सरकारी संस्थाएं और धार्मिक नेताओं के माध्यम से भी शामिल है। यह केन्द्र हिंसा से प्रभावित महिलाओं को प्रभावी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाएगा। इस केन्द्र का पूरा प्रबन्धन सम्बन्धित जिला के उपायुक्त की अध्यक्षता में बनाई गई प्रबन्धन कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। इस प्रबन्धन कमेटी में जिला के पुलिस अधीक्षक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, बार काउंसिल का अध्यक्ष, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी या संरक्षण अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी, समाज के तीन सदस्य जिनमें कम से कम दो महिलाएं हों और जिस जिले में आटीडीए और आईटीडीटी है वहां का  समेकित जनजाति विकास एजेंसी का परियोजना अधिकारी और अन्य चेयरमैंन द्वारा लिए गये व्यक्ति इस समिति के सदस्य होंगे। प्रबन्धन कमेटी द्वारा इसकी देख-रेख निगरानी, समन्वय, समीक्षा और कार्य प्रणाली का कार्य करेगी। सम्बन्धित जिला की प्रबन्ध कमेटी द्वारा नामित क्रियान्वयन एजेंसी इस केन्द्र का दिन-प्रतिदिन का संचालन करेगी। यह जिला अस्पताल हो सकती है या राज्य सरकार द्वारा चिह्नित चिकित्सा सेवा देने वाली एजेंसी हो सकती है। यदि किसी मामले में यह एजेंसियां उपलब्ध न हों तो राज्य सरकार इसके संचालन का विकल्प ले सकती हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी या संरक्षण अधिकारी केन्द्र का दिन प्रतिदिन समन्वय करेगा। राज्य के मुख्य सचिव या महिला एवं बाल विकास विभाग के   प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक स्टेट स्टेयरिंग और मोनिटरिंग कमेटी होगी, जिसमें गृह विभाग, स्वास्थ्य एवं पारिवारिक कल्याण विभाग, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और समाज के प्रतिनिधि होंगे। यह कमेटी राज्य के वन स्टोप सैंटर के संचालन की निगरानी करेगी, जबकि प्रबन्धन कमेटी निगरानी समिति के तौर पर कार्य करेगी। 

मानकीकृत निगरानी रिपोर्टे, 'वन स्टोप सैंटर' द्वारा तैयार की गई संचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन की जानकारी स्टेट स्टेयरिंग और मोनिटरिंग कमेटी और राष्ट्रीय स्टेयरिंग और मोनिटरिंग कमेटी को तिमाही आधार पर देनी होगी। वैब आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली भी विकसित की जाएगी ताकि सही निगरानी की जा सके। इस प्रक्रिया की सुविधा के लिए सही कार्य, डाटा लेने के लिए टैम्पलेट और रिपोर्टिंग प्रफोर्मे विकसित किए जा सकते हैं।

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