राष्ट्रीय (28/05/2015) 
​​पूर्व बिजली मंत्री कैप्टन अजय यादव ने साधा केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना
केंद्र व प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया
अदानी व अंबानी को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है सरकार
चाय बेचने वाला पीएम 10 लाख का सूट पहनकर कर रहा है विदेश यात्राएं
कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिए घटाया टैक्स
यूपीए सरकार की योजनाओं को पेटेंट करा रही है केंद्र सरकार
रेवाड़ी । पूर्व बिजली मंत्री कैप्टन अजय यादव ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर जमकर तीखे प्रहार किए। दोनों सरकारों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का एक वर्ष बीत चुका है। काला धन मामले में सरकार कहती थी कि काला धन वापस लाकर प्रत्येक नागरिक के खाते में 15 लाख रूपए डाले जाएंगे। स्वामीनाथन, बिजली, पानी, मेक इन इंडिया जैसे चुनावी जुमले अब मात्र जुमले बनकर ही रह गए हैं। वे अपने पिता राव अभय सिंह की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का नारा देने वाले पीएम मोदी आज तक देश में एक भी प्लांट नहीं लगवा पाए। वे लगातार 20 मुल्कों की विदेश यात्राएं कर चुके हैं। जबकि देश का किसान खून के आंसू रो रहा था। पीएम के पास एक मिनट का भी वक्त नहीं था कि वो किसानों से बातचीत भी कर सकें। ऐसे दौर में कांग्रेस सुप्रीमो श्रज्ञीमती सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दुख की इस घड़ी में किसानों के आंसू पूछे। भूमि अधिग्रहण विधेयक मामले में भी उन्होंने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि चाय बेचने वाला मोदी आज पीएम बनने के बाद 10 लाख का सूट पहनकर अदानी व अंबानी को दोनों हाथों से लाभ पहुंचा रहा है। कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिए कारपोरेट टैक्स 30 से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। 
यही नहीं उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं पर भी जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। ये सब यूपीए सरकार की योजनाएं हैं और ये सरकार उन्हें ही आगे बढ़ा रही है। केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। वहीं उन्होंने राज्य सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 6 माह के शासन काल में सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया है। बुजुर्गों को दो हजार रूपए पैंशन देने का वादा करने वाली सरकार 1200 रूपए ही दे पा रही है। बेरोजगारी भत्ता भी 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार रूपए देने की बात करते थे। कर्मचारियों को भी सरकार ने लालीपाप देकर चुप कर रखा है।
अजय अत्रि
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