राष्ट्रीय (22/05/2015) 
मोहन प्रसाद भारद्वाज एवं विरेन्द्र बब्बर स्थायी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सबसे महत्वपूर्ण स्थायी समिति के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए चुनाव में भा0ज0पा0 के मोहन प्रसाद भारद्वाज अध्यक्ष के पद पर तथा भा0ज0पा के ही विरेन्द्र बब्बर उपाध्यक्ष के पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए। मोहन भारद्वाज बांकनेर (वार्ड नं0 2) से तथा विरेन्द्र बब्बर पहाड़गंज (वार्ड नं0 89) से निगम के सदस्य हैं।
मोहन भारद्वाज इससे पहले लगातार दो बार स्थायी समिति के अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। अध्यक्ष के पद पर उन्होंने सदा रचनात्मक व प्रभावशाली भूमिका अदा की है।
इसी प्रकार विरेन्द्र बब्बर इससे पहले स्थायी समिति के सदस्य रह चुके हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर मोहन प्रसाद भारद्वाज के निर्विरोध निर्वाचित होने के उपरान्त उनके भाषण के कुछ अंश:-
1.    उत्तरी दिल्ली नगर निगम की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कटिबद्ध होंगे। दलगत राजनीति से उपर उठकर केवल निगम हित के लिए कार्य करेंगे।
2.    उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा।
3.    मोहन प्रसाद भारद्वाज जी ने कहा कि अब हमें हर तरफ से सहयोग लेकर व हम दिल्ली वासियों के हित में पारदर्शिता से कार्य करते हुए सुशासन देंगे।
4.   भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा निगम की ढगमगाई वित्तीय स्थिति के प्रति निराशावादी दृष्टिकोण है इस स्थिति को पक्ष व विपक्ष दोनों के सहयोग से ठीक करना प्राथमिकता होगी।
5.    भारद्वाज ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कार्यों में पारदर्शिता ला कर निगम कार्याें को जनता के लिए और सुगम बनाने की बात कही।

स्थायी समिति की नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष, विरेन्द्र बब्बर के भाषण के कुछ अंश:-
     उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की उपाध्यक्ष के पद पर विरेन्द्र बब्बर के निर्विरोध निर्वाचित होने पर अपने भाषण में कहा कि हम दिल्ली वासियों को बेहतर-से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को और अधिक उंचाईयों पर ले जायेंगे। इसी के साथ उन्होंने विपक्ष से भी हर स्तर पर सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि निगम की वित्तीय स्थिति को देखते हुए निगम के आय के स्त्रोत बढ़ाने के प्रयास किए जाएगें और निगम के हक का पैसा दिल्ली सरकार से निगम को दिलवाया जाएगा।
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