राष्ट्रीय (22/05/2015) 
सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो व कार्मिको को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया सम्मानित

नई दिल्ली। राष्ट्र की प्रथम रक्षा पंक्ति' के नाम से  विख्यात विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षा बल, जिसे 'सीमा सुरक्षा बल' या 'बाॅर्डर सिक्युरिटी फोर्स' के नाम से भी जाना जाता है, ने आज 'शोर्ये आॅफिसर्स इंस्टीट्यूट' वसंत कुंज, नई दिल्ली में अपने बहादुर अधिकारियों व कार्मिको के सम्मान में '13 वां अलंकरण समारोह' आयोजित किय गया देवेन्द्र कुमार पाठक, भारतीय पुलिस सेवा, महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल एवम् सीमा सुरक्षा बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशको और उनके वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे -गृह मंत्री राजनाथ सिंह , भारत सरकार, जिन्होंने अपने कर कमलों से सीमा सुरक्षा बल के बहादुर अधिकारियों व कार्मिकों को सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि महोदय ने सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों/कार्मिकों कोवीरता के लिए पुलिस पदक', उत्तम जीवन रक्षा पदक तथा 'सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक' से सम्मानित किया। पदक से सम्मानित होने  वाले इन अधिकारियों/ कार्मिकों में से 05 को 'वीरता के लिए पुलिस पदक' से, 01 को उत्तम जीवन रक्षा पदक से तथा 27 अन्य अधिकारियों/कार्मिकों को 'सराहनीय सेवा क े लिए पुलिस पदक' से सम्मानित किया। मरणोपरान्त पदक से सम्मानित होने वाले कार्मि कों के पदक उनके परिजनों को प्रदान किये गये।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए और इस समारोह में मुख्य अतिथि की गरिमामयी उपस्थिति के लिये आभार प्रकट करते हुए अपने स्वागत भाषण में देवेन्द्र कुमार पाठक, महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल ने बल के स्थापना वर्ष 1⁄419651⁄2 से अब तक के सफर को याद करते हुए कहा कि - "50 वर्षों के इस लम्बे सफर में बल ने असंख्य दुधर्ष चुनौतियों का सामना किया है और अपनी परम्परा तथा गरिमा के अनुरूप ही उनका मुँहतोड जवाब देते हुए आज अपनी स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है । पर हमारी इन तमाम सफलताओं के पीछे हमारे उन बहादुर अधिकारियों व जवानों की भूमिका है जो अपनी बहादुरी के असाधारण प्रदर्शन से राष्ट्र के प्रेरणास्वरूप बने है ।'' नई -नई चुनौतियों से जूझने के परिप्रेक्ष्य में सीमा सुरक्षा बल की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि - "आज बल हर क्षेत्र की कठिन से कठिन चुनौतियों से निपटने के लिए हर वक्त तैयार खड़ा है - चाहे बुनियादी 

ढांचे की बात हो, अस्त्र - शस्त्रों की बात हो , प्रशिक्षण का मामला हो या फिर सिद्धांतो की बात; अपने संसाधनों के बलबूते पर आज सीमा सुरक्षा बल सीमाओं की सशक्त एवं सतर्क निगरानी से राष्ट्र की सेवा में अहर्निश सेवारत है।" उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में , जहाँ बल की तैनाती है, शांति स्थापना के प्रति बल की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। अपने बहादुर अधिकारियो व जवानों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि "हम सभी सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ राष्टं की रक्षा में भी अपनी समस्त ऊर्जा, समस्त आगे और समूर्ण ताकत से लगे रहे। 'जीवन पर्यन्त कर्तव्य' के अपने सिद्धांत वाक्य पर चलते हुए अपने कर्तव्यों को निभाते रहें, भले ही इस पुण्य कार्य में हम सबको अपना जीवन ही बलिदान क्यों न करना पड़े।"
आज इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने बल के जांबांजों को समर्पित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि - "इस समारोह में आप सबके बीच उपस्थित होकर मैं बड़े ही सौभाग्य की अनुभूति कर रहा हूँ। स्वर्गीय रूस्तमजी के प्रति श्रद्धांजलि एवं इस महान बल की स्थापना और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अन्य अधिकारियो का हार्दिक आभार व्यक्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करने  लिए मैं इस विषिष्ट बल का आभारी हूँ।" उत्कृष्ट सीमा प्रबंधन,  साथ - साथ नक्सल रोधी अभियानों में बी.एस.एफ. की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इस बल द्वारा सीमावर्ती  क्षेत्रों में किये जाने वाले जन-कल्याणकारी कार्यों की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की और सीमा सुरक्षा बल की मारक क्षमता का विकास करने के लिये सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
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