राष्ट्रीय (20/05/2015) 
ऑनलाइन लिंग की जांच के लिए बेच रहा रहा था किट्स,एक वर्ष जेल,5000 जुर्माना
ऑन लाइन लिंग की जांच के लिए बेची जा रही किट्स के एक मामले में गुडग़ांव की प्रथम श्रेणी न्यायिक मैजिस्ट्रेट सुश्री वर्षा जैन ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए दोषी संजय खटाना को पीसी एण्ड पीएनडीटी अधिनियम के तहत एक वर्ष की जेल तथा 5000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पीसी एण्ड पीएनडीटी अधिनियम के तहत इस प्रकार का यह पहला मामला देश में आया है, जिसका निर्णय दिया गया है।यह माना जा रहा है कि लिंग जांच को रोकने के लिए इस प्रकार के फैसले लिए जाने चाहिए तथा इसके दूरगामी अच्छे परिणाम आएंगे।
उन्होंने कहा कि सितम्बर, 2014 में पीसी एण्ड पीएनडीटी अधिनियम के तहत गुडग़ांव सिटी पुलिस स्टेशन में धारा 6ए, 3ए, 22(1), 22(2), 22(2) तथा 23 के तहत दोषी के विरूद्घ मामला दर्ज किया गया था। यह सरा मामला तब शुरू हुआ जब डा० पुष्पा बिश्नोई, जिला एप्रोपरिएट अथारिटी तथा सिविल सर्जन गुडग़ांव ने एक टीम का गठन किया जिसमें डा० सरया शर्मा, उप सिविल सर्जन गुडग़ांव, डा० विजय उप सिविल सर्जन गुडग़ांव और अमनदीप चौहान औषध नियंत्रक अधिकारी ने दोषियों के विरूद्घ कार्यवाही की। खाद्य एवं औषधि प्रशासन, राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम के अधिकारियों ने एक फर्जी उपभोक्ता बनाकर किट खरीदने के लिए भेजा। इसके बाद दोषी संजय खटाना को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया तथा इसके पश्चात दिल्ली के लारेंस रोड स्थित दोषी के कार्यालय में छापा भी मारा। 
उन्होंने बताया कि जांच की कार्यवाही में यह खुलासा हुआ कि ऑन लाइन ड्रग किट जिसमें लेडी क्यू मिनी माईक्रोस्कोप, डिजीटल थर्मोमीटर, इंडीक्रोम पेपर्स, आई श्योर स्ट्रिप्स, एलएच टैस्ट स्ट्रिप्स, पै्रगनैंसी एचसीजी टैस्ट, एलएच स्ट्रिप्स बीबीटी टेबलेटस तथा बीजीसी बॉय की बुकलैट भी है। टीम यह सब देखकर दंग रह गई बुकलेट में लडक़ा होने का आश्वासन दिया गया है, जोकि पीसी एण्ड पीएनडीटी अधिनियम  की उल्लंघना है।
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