राष्ट्रीय (20/05/2015) 
केजरीवाल दिल्ली में हिन्दी संबन्धी राजादेशों का उल्लंघन न करें
हिन्दू महासभा भवन में आयोजित अखिल भारतीय अंग्रेजी अनिवार्यता विरोधी मंच की बैठक में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और जितेन्द्र सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया गया कि उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक परीक्षाओं में हिन्दी और भारतीय भाषाओं के छात्रो की समस्या को समझ कर उसका उचित सकारात्मक निदान किया।
बैठक में मंच के महामंत्री मुकेश जैन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की संविधान के पालन के प्रति उठी निष्ठा और जागरुकता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि केजरीवाल जी दिल्ली में उनके सचिवालय और अन्य विभागों में हिन्दी के प्रति अपनाये जा रहे असंवैधानिक कृत्यों के प्रति भी अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करें। दिल्ली हिन्दी भाषी 'क'  क्षेत्र है। जिसका सारा काम हिन्दी में कराना केजरीवाल जी की संवैधानिक जिम्मेदारी है, किन्तु केजरीवाल जी जिस प्रकार से उपराज्यपाल और राष्ट्रपति जी से पत्र व्यवहार तक केवल अंग्रेजी में कर रहे हैं वह असंवैधानिक है। केजरीवाल जी को हिन्दी के प्रति किये जा रहे अपने असंवैधानिक कृत्यों की बानगी को देखना है तो वे सचिवालय से चन्द कदमों की दूरी पर स्थित व्यापार कर भवन और पटियाला हाउस न्यायालय तक घूम आये,जहां उनके अधिकारियों ने हिन्दी का नामोनिशान तक मिटाकर भारत के संविधान की धज्जिया उडा दी हैं। 
बैठक में मंच के उपाध्यक्ष स्वामी ओमजी ने राजभाषा विभाग से अनुरोध किया कि वह हिन्दी सम्बन्धी आदेशों की अवज्ञा करवा रहे हिन्दी अधिकारियों और जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कराये। इसी के साथ हिन्दी की गिनती न सिखाने वाले मिश्निरी सकूलों की मान्यता भी रद् करायी जाये।
Copyright @ 2019.