राष्ट्रीय (20/05/2015) 
ऍफ़ डी आई रिटेल पर जेटली के बयान का कैट ने किया स्वागत
ऍफ़ डी रिटेल नोटिफिकेशन को वापिस लेने की मांग
देश भर के व्यापारी नेताओं की बैठक 8 जून को नागपुर में

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान की बहु ब्रांड खुदरा कारोबार नें ऍफ़ डी आई के पक्ष में कभी नहींरही भाजपा का कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है और कहा है की जेटली केबयान से स्पष्ट है की भाजपा और सरकार दोनों मल्टी ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ हैं ! कैट नेमांग की है की क्योंकि भाजपा और सरकार दोनों ही इस नोटिफिकेशन के विरोध में है अत : सरकार कोतुरंत इस नोटिफिकेशन को वापिस लेना चाहये!
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा की जिसनोटिफिकेशन का वर्ष 2012 में समस्त विरोधी दलों ने विरोध किया था उस नोटिफिकेशन को तुरंत वापिसलेना चाहिए क्योंकि वैसे भी यह नोटिफिकेशन जेटली द्वारा दिए गए बयान के विपरीत है ! वर्तमानसरकार के अंतर्गत यह नोटिफिकेशन ऍफ़ डी आई पालिसी का अभी तक हिस्सा है और जेटली के बयानके मुताबिक भाजपा और सरकार दोनों ही मल्टी ब्रांड रिटेल में ऍफ़ डी आई के विरोध मैं है इस दृष्टि से इसनोटिफिकेशन का सरकार की नीति के अंतर्गत जारी रहना कतई तर्कसंगत नहीं है 
इस मुद्दे पर कैट शीघ्र ही वित्त मंत्री और वाणिज्य मंत्री से मिलने का समय मांगेगा और इस नोटिफिकेशनके सभी पहलुओं से उनको अवगत कराते हुए एवं देश के व्यापारियों द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाने कानिर्णय बताते हुए इस नोटिफिकेशन को वापिस लेने की मांग करेगा !
उन्होंने यह भी कहा की देश के रिटेल व्यापार को व्यवस्थित करने की बेहद जरूरत है ! वर्तमान में रिटेलव्यापार कई वर्गों में विभाजित है जिसमें मुख्य रूप से व्यापारी, ई कॉमर्स, होलसेल कैश एंड कैर्री तथाडायरेक्ट सेल्लिंग प्रमुख है ! अफ़सोस है की जहाँ व्यापारियों को अनेक प्रकार के कानूनों की पलना करनीपड़ती है वहीँ दूसरी ओर ई कॉमर्स व्यापार के लिए कोई स्थापित नियम एवं कानून नहीं है ! ई कॉमर्सव्यापार करने वाली कंपनियां नियम कानून के आभाव में अपने हिसाब से व्यापार कर रही हैं ओर विदेशीनिवेश प्राप्त कर रही हैं तथा लगत से भी काम मूल्य पर माल बेच कर रिटेल व्यापार पर अपना आधिपत्यजमाने की कोशिश में लहि हुईं है ! इसका विपरीत असर व्यापारियों के व्यापार पर पड़ रहा है ! अनेकों बारध्यान दिलाने के बाद भी अभी तक सरकार की ओर से इस बारे मैं कोई कदम नहीं उठाया गया है !
दूसरी तरफ होलसेल कॅश एंड कैर्री के अंतर्गत व्यापार करने वाले स्टोर सीधे उपभोक्ताओं को माल बेच रहे हैंजो वो इस पालिसी के अंतर्गत नहीं कर सकते ! इसी प्रकार डायरेक्ट सेल्लिंग व्यापार में भी बड़े पैमाने परकर कानूनों का मखौल उड़ाया जा रहा है जिसका बुरा असर व्यापारियों के व्यापार पर पड़ रहा है !
इन मुद्दों पर भविष्य की रन नीति तय करने के लिए कैट ने देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओंकी एक विशेष बैठक आगामी 8 जून को नागपुर में बुलाई है!
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