राष्ट्रीय (19/05/2015) 
स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने वाली पंचायतो पांच-पांच लाख रूपए इनाम की घोषणा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा में स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए गांव को पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त कराने वाली पंचायतों तथा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पांच-पांच लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान करने की दो नई योजनाओं की घोषणा की।  
मुख्यमंत्री आज हरियाणा निवास, चंडीगढ़ में नीति आयोग के तहत गठित की गई मुख्यमंत्रियों के उप-समूह की दूसरी बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्र बाबू नायडू, जो इस उप-समूह के संयोजक भी हैं, ने की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की वर्ष 2019 में पडने वाली 150वीं जयन्ती के अवसर पर देश के लोगों को स्वच्छ भारत समर्पित करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के विज़न को सफल बनाने के लिए पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के नियमों में संशोधन करने, पहली कक्षा से स्वच्छता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने, रिसाइकिलिंग को आर्थिक प्रोत्साहन दिए जाने तथा जैव अपशिष्टों से बनी कम्पोस्ट खाद के लिए विपणन सुविधाएं बढ़ाने तथा कूड़ा-कचरा बिनने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को संस्थागत रूप देने की आवश्यकता पर बल दिया जाना चाहिए। 
बैठक में महाराष्ट के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहावला उपस्थित थे जबकि दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री असीम अहमद खान, कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री एच के पाटिल, उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य, आयुष व आयुष शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों का प्रतिनिधित्व किया। बैठक में उप-समूह की अगली बैठक जून माह में बैंगलूरू में आयोजित  करने की सहमति व्यक्त की गई। उप-समूह को 30 जून तक अपनी सिफारिशें देनी है।  
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जापान जैसे देश में लोग सडक़ पर मिले कागज के टूकड़े को अपने साथ ले जाकर घर के डस्टबीन में डालते हैं। इसप्रकार की मानसिकता देश के लोगों में लानी होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए मांग के अनुरूप आपूर्ति बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे और भवन निर्माण कचरे के निष्पादन के लिए नीतियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रिसाइकिलिंग को कौशल विकास के माध्यम से कचरे से सोना या कचरे से आय की अवधारणा को साकार करने के लिए कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों मे पेयजल आपूर्ति तथा ठोस कचरा प्रबंधन के लिए लिए जाने वाले शुल्क को व्यक्ति की सामथ्र्य के अनुरूप लागू करना चाहिए।
उप-समूह के संयोजक चन्द्र बाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए राज्यों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 तक मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें सार्थक कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि ठोस कचरे से उत्पादित ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली को सांकेतिक(नोशनल) आय माना जाना चाहिए। इसके लिए भारत सरकार को केन्द्रीय करों तथा राज्यों को वैट में छूट देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ठोस व तरल कचरे के प्रबंधन आज कई देशों की समस्या बन गया है।  भारत में  इस पर अन्य देशों के मुकाबले देरी से ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि 20,000 मीट्रिक टन कचरे से 200 मैगावाट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। केन्द्रीय बिजली विनियामक आयोग तथा राज्य बिजली विनियामक आयोगों को टैरिफ दरें निर्धारित करने की पहल करनी चाहिए। 
मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहावला ने अपने सम्बोधन में कहा कि मिजोरम में 80 प्रतिशत घरों में शौचालय हैं और वर्ष 2015-16 के दौरान शत-प्रतिशत घरों में शौचालय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि मिजोरम में यंग मिजो सोसायटी के माध्यम से वर्ष 1997 से ही पूरे राज्य में स्वच्छता सप्ताह का आयोजन किया जाता रहा है। स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में मिजोरम पूरा सहयोग देगा। 
कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मन्त्री एच के पाटिल ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता के लिए शौचालयों व स्नानगृह एक ही साथ बनाए जाने चाहिएं। गांवों में गन्दे पानी की निकासी के लिए भूमिगत ड्रेनेज सिस्टम जरूरी है। तभी हम मिशन के दो करोड शौचालय बनाने के लक्ष्य को सफलता के साथ लागू कर सकते है। प्रधानमन्त्री का विजन सही है। हमने गांवों में गोबर की सफाई के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए खाद तैयार करने के लिए विशेष बैक्टेरिया का उपयोग हो। कर्नाटक में दो जिलों में ऐसा प्रयोग किया गया है। मिशन के तहत राज्यों को फण्ड की कमी नहीं होनी चाहिए। 
उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य, आयुष व आयुष शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत औद्योगिक घरानों सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा दिए जाने वाले सहयोग को प्रधानमन्त्री राहत कोष के तहत आयकर मुक्त करना चाहिए। इसके अलावा शिक्षा की तरह उपकर लागू किया जाए। शत-प्रतिशत फण्ड केन्द्र सरकार से उपलब्ध हो। सुलभ इण्टरनैशनल के अनुभवों का सहयोग लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्मल भारत तथा सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान से जुड़े क्षेत्रों को भी मिशन में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान चलाकर जनसाधारण को जागृत किया जा सकता है। समय-समय पर कार्यशाला व अधिकारियों को क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए।
दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री असीम अहमद खान ने कहा कि स्वच्छता तथा हरित दिल्ली बनाने को उनकी सरकार कृतसंकल्प है तथा इस कड़ी में दिल्ली में दो लाख शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने मिशन को सफल बनाने में सहयोग का आश्वासन दिया।
पेयजल व स्वच्छता मन्त्रालय के संयुक्त सचिव  सरस्वती प्रसाद, शहरी विकास मन्त्रालय के संयुक्त सचिव  प्रवीन प्रकाश, हाऊसिंग एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मन्त्रालय के संयुक्त सचिव  राजीव रंजन मिश्रा ने मिशन पर अपने-अपने मन्त्रालयों की प्रस्तुतियां दीं।
बैठक में हरियाणा के कृषि एवं ग्रामीण विकास मन्त्री ओम प्रकाश धनखड़, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री राव नरबीर सिंह, नीति आयोग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिन्धुश्री खुल्लर, हरियाणा के मुख्य सचिव डी एस ढेसी, मुख्यमन्त्री के विशेष प्रधान सचिव आर के खुल्लर, सूचना, जनसम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के महानिदेशक डॉ० अभिलक्ष लिखी, मुख्यमंत्री के ओ एस डी भूपेश्वर दयाल के अलावा महाराष्ट, आन्ध्रप्रदेश, सिक्कीम, पश्चिम बंगाल राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
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