राष्ट्रीय (19/05/2015) 
नवजात शिशुओं को बचने के लिए 'हरियाणा नवजात कार्य योजना' की तैयारी
हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में और अधिक नवजात शिशुओं के जीवन को बचाने के लिए एक हरियाणा नवजात कार्य योजना (हरियाणा न्यूबोर्न एक्शन प्लान) तैयार कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम निवास, जिन्होंने हरियाणा नवजात कार्य योजना तैयार करने के लिए आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता की, ने शिशु मृत्यु दर पर यह कहते हुए चिंता व्यक्त की कि इस समय प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 41 प्रति हजार जीवित जन्म है जो कि 40 प्रति हजार जीवित जन्म के राष्ट्रीय शिशु मृत्यु दर से अधिक है। इसी प्रकार, प्रदेश में नवजात मृत्यु दर एवं शीघ्र नवजात मृत्यु दर क्रमश: 26 प्रति हजार जीवित जन्म एवं 19 प्रति हजार जीवित जन्म है जोकि क्रमश: 28 एवं 21 प्रति हजार जीवित जन्म के राष्ट्रीय औसत से दो अंक कम है। अधिकतर मौतें जोकि 65 प्रतिशत हैं, जन्म के पहले वर्ष के दौरान पहले मास में होती हैं और इनमें से कईं जीवन बचाए जा सकते हैं। अत: इनमेंं प्रसूति से पहले तथा प्रसूति से तुरंत बाद सरल एवं लागत प्रभावी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। प्रदेश में इन्हें सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा नवजात कार्य योजना से निवारणीय कारण से होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिलेगी। 
उन्होंने कहा कि सरकार को पूरा विश्वास है कि वर्ष 2025 तक नवजात (जन्म से 28 दिनों तक) मृत्यु दर को एकल अंक तक लाने में सफलता हासिल कर ली जाएगी। हरियाणा नवजात कार्य योजना को जिला स्तरीय अधिकारियों के परामर्श से विशिष्ट सदस्यों की विशेषज्ञता की मदद से तैयार किया जाएगा। इस कार्यशाला के उपरांत सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा बाल रोग एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम द्वारा जिला विशिष्ट कार्य योजनाएं तैयार की जाएंगी। जिलों में हर सुविधा के लिए मानवशक्ति, उपकरणों, औषधियों एवं कौशल जैसी सेवाओं की कमी की पहचान की जाएगी और अगले कुछ महीनों में उन्हें सुधारा जाएगा। राज्य में इन गतिविधियों पर व्यापक निगरानी रखी जाएगी और प्राथमिकता वाले जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 
इस कार्यशाला का आयोजन यूएसएआईडी-आईपीई-ग्लोबल के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग के साथ किया गया। यह संगठन हरियाणा प्रदेश में एक मुख्य विकास भागीदार भी है। इस कार्यशाला का मुख्य विषय प्रदेश में नवजात शिशुओं को जीवित रखने और उनकी बेहतरी को प्राथमिकता देना तथा नवजात जीवन को केन्द्र में रखना तथा सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य विशिष्ट हरियाणा नवजात कार्य योजना तैयार करने के की रूपरेखा बनाना है। 
कार्यशाला में प्रदेश के सभी 21 जिलों के सिविल सर्जनों एवं जिला बाल स्वास्थ्य अधिकारियों, प्रधान चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सा अधीक्षकों, जिला मातृ स्वास्थ्य अधिकारियों, बाल रोग एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, इस कार्यशाला में भारत सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूएसएआईडी, स्वच्छ फाऊडेंशन जैसे गैर सरकारी संगठन, भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी, भारतीय स्त्री  रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति सोसायटी प्रसंघ जैसे पेशेवर संगठनों के विभिन्न विशेषज्ञों और पीजीआईएमईआर,चण्डीगढ़, पीजीआईएमएस, रोहतक एवं जीएमसीएच सैक्टर-32 चण्डीगढ़ जैसे प्रितिष्ठित चिकित्सा कॉलेजों के प्रोफेसर भी उपस्थित थे। 
Copyright @ 2019.