राष्ट्रीय (16/05/2015) 
सरस्वती नदी के पुर्नउत्थान से दो नदिया बनेगी अन्र्तराष्ट्रीय तीर्थ स्थल
हरियाणा कैबिनेट के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा है कि सरस्वती नदी के पुर्न उत्थान से आदिबद्री और सरस्वती नदी उदगम स्थल को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर के तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। राम बिलास शर्मा यहां बिलासपुर के गांव मुगलवाली में सरस्वती नदी के खुदाई कार्य के दौरे में आए हुए थे / और उन्होंने ने  कहा कि कुरूक्षेत्र और करनाल के बीच में अन्र्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की योजना से यह क्षेत्र अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर उभर जाएगा।
 शिक्षा मंत्री ने कहा कि हरियाणा की धरती इतिहासिक धरती रही है। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी का हमारी संस्कृति और सभ्यता में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद और श्रीमद् भागवत की रचना यहीं सरस्वती नदी के किनारें पर हुई। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी साक्षात हमारे सामने प्रकट हो गई है। उन्होंने कहा कि नासा जैसी महत्वपूर्ण अनुसंधान एजैंसी ने भी इस सत्य को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी के किनारे ही हमारी प्राचीन संस्कृति का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी की तीन धाराओं गंगा-यमुना और सरस्वती का संगम विशेषकर सरस्वती शौध संस्थान के अध्यक्ष दर्शन लाल जैन के अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप आज हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी का पानी यहां मुगलवाली और सिरसा में एक ही समान है। उन्होंने कहा कि दर्शन लाल जैन की 30 वर्ष की साधना सत्य सिद्ध हुई है। आज वैज्ञानिकों और भूगोल शास्त्रियों ने भी इस सत्य को प्रमाणित कर दिया है। 
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए उन्होंने केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री डा. महेश शर्मा से उन्होंने बात की है और शीघ्र ही वे आदिबद्री सरस्वती उदगम स्थल क्षेत्र का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस क्षेत्र से विशेष लगाव रहा है और वे प्रधानमंत्री बनने से पहले अनेकों बार इस क्षेत्र में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी हिन्दूस्तान के इतिहास का विश्वास है। भारत की श्रद्धा का प्राण है। जिस दिन से नदी में पानी आया है उसी दिन से यहां तीर्थ यात्रियों का तांता लग रहा है। 
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