नई दिल्ली । शेड्यूल एच, एच1 और एक्स की दवाओं का विज्ञापन अब बिना सरकार की पूर्व अनुमति के नहीं दिया जा सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग पर रोक लगाने और लोगों को इनके साइड इफेक्ट्स से बचाने के लिए ड्रग ऐंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में संशोधन किया है। इन शेड्यूल्स में सर्दी-जुकाम, खांसी, एसिडिटी की कई दवाओं
से लेकर एंटी बायोटिक दवाएं तक शामिल हैं। सरकार का मानना है कि लोग विज्ञापन
देखकर दवा की दुकान पर पहुंच जाते हैं और फिर मनमाने तरीके से उसका इस्तेमाल करते
हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को दवाओं के विज्ञापनों पर
पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए और इसके दायरे में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और
अन्य पद्धतियों की दवाओं को भी लाना चाहिए।
उनका कहना है कि कई दवाओं के विज्ञापन जिस तरह से टीवी और
प्रिंट माध्यमों में दिए जा रहे हैं, वह चिंता का विषय है। दवा कंपनियां बढ़ते
कॉम्पिटिशन के कारण विज्ञापनों का सहारा ले रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि
बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं खरीदने पर भी सख्ती से रोक लगनी चाहिए। |