राष्ट्रीय (16/05/2015) 
सालो तक किया दुष्कर्म,छह साल की बेटी को जन्म देकर बाप फरार
न्याय के लिए 9 दिनों से दर-दर भटक रही ज्योति
एक से दूसरे अधिकारी के पास लगा रही है अर्जी
धोखे में रखकर वर्षों तक करता रहा दुष्कर्म
6 वर्षीय बेटी देकर हो गया फरार
एसपी का बेतुका बयान, कहा; क्यों ले रही है गुजरों से पंगा
रेवाड़ी। पहले तो 8 वर्षों तक शादी का झांसा देकर करता रहा दुष्कर्म और बाद में 6 वर्ष की बेटी को जन्म देकर हो गया रफू-चक्कर। जी हां, हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी जिले के गांव बोलनी की रहने वाली 25 वर्षीय ज्योति की। पीथनवास की ढाणी के रहने वाले रामपाल पहले तो नाबालिग ज्योति को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया। उसके बाद लगातार दुष्कर्म करता रहा। जब ज्योति गर्भवती हुई तो रामपाल ने कई बार उसका गर्भपात करा दिया। मगर इस दौरान ज्योति ने एक बच्ची को जन्म दे दिया और उसने अपने हालातों से समझौता कर लिया। आज वह बच्ची 6 साल की है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। ज्योति को जब यह पता चला कि जिसके साथ वह रह रही है पहले से 3 बच्चों का पिता है और उसने अपनी बच्ची को पिता का नाम देने की बात की तो कथित पिता रामपाल एक शपथपत्र पर तलाक देकर चलता बना तथा हैरानी तो उस वक्त हुई जब शपथपत्र में बच्ची का पालन-पोषण करने की बात भी ज्योति के द्वारा ही करने की बात सामने आई।
इतना ही नहीं इन 8 वर्षों में रामपाल ने ज्योति को हर रोज प्रताडि़त भी करता था। ज्योति के शरीर पर चोट के निशान रामपाल की हैवानियत बयां कर रहे हैं। आखिरकार अब ज्योति ने हिम्मत दिखाई और रामपाल को इसकी सजा दिलाने के लिए हाथ में अर्जी लेकर वह सबसे पहले जिला सचिवालय में बैठे पुलिस के आला अधिकारी यानि एसपी से मिली तो उसी समय उसे अहसास हुआ कि महिलाओं की सुरक्षा के बारे में किए जाने वाले दावे खोखले मात्र हैं। जैसे ही एसपी ने ज्योति की अर्जी पढ़ी तो कहने लगे कि वह क्यों गुजरों से पंगा ले रही है और उन्होंने अर्जी वापस देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद वह सचिवालय में ही महिलाओं से जुड़े मामलों को हल करवाने के लिए बैठी नीलम शर्मा ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया। अब ज्योति लगातार 9 दिनों से अपनी मासूम को साथ लेकर एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर काट रही है, लेकिन रेवाड़ी की बेदर्द पुलिस इसकी फरियाद तक नहीं सुन रही।
शायद रेवाड़ी पुलिस को अपने आला अधिकारी तथा माननीय न्यायालय की भी कोई परवाह नहीं है। न्यायालय की गाईड लाइन तथा आला अधिकारियों के द्वारा लगातार दिए जाने वाले आदेशों की भी परवाह नहीं है, जिसमें पुलिस को कहा गया है कि जब भी कोई शिकायत लेकर आता है तो पहले उसकी शिकायत लेकर केस दर्ज करे। उसके बाद कोई जांच की जाए, लेकिन यहां तो इस महिला की शिकायत तक दर्ज नहीं की जा रही, बल्कि उल्टे उसे ही गुजरों से पंगा न लेने की हिदायत दी जा रही है। जब इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। वहीं ज्योति को अब न तो मां-बाप ही का ही कोई सहारा है और न ही पुलिस उसकी कोई मदद कर रही है। अब एक ओर जहां उसकी आंखों में रामपाल के खिलाफ गुस्से की आग है तो वहीं दूसरी ओर अपनी बच्ची के भविष्य को लेकर भी वह काफी चिंतित नजर आ रही है।
ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेवाड़ी पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के प्रति कितनी संवेदनशील है और एसपी जैसे उच्च पदों पर बैठा अधिकारी भी कैसे सोच पाले हुए है। अब देखना यह होगा कि क्या ज्योति को न्याय मिल पाएगा या फिर वह इसी तरह दर-दर भटकती रहेगी।
अजय अत्रि
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