राष्ट्रीय (15/05/2015) 
हरियाणा होगा अब बाल भिखारियों से मुक्त

हरियाणा राज्य अब बाल भिखारियों से मुक्त होगा। इसके लिए राज्य अपराध शाखा ने हरियाणा को बाल भिखारियों से मुक्त कराने की शुरुआत की है। राज्य अपराध शाखा की पूरे राज्य में स्थापित 10 इकाईयों के माध्यम से 1 अप्रैल, 2015 से यह अभियान चलाया जा रहा है। इन इकाईयों को यह लक्ष्य दिया गया है कि आगामी 6 महीनों में हरियाणा राज्य में कोई भी बच्चा भीख मांगने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए।

        राज्य अपराध शाखा की इस प्रकार की इकाईयां हरियाणा के 10 शहरों में सक्त्रिय हैं, जिनमें पंचकूला, अम्बाला, कुरूक्षेत्र, जींद, करनाल, रोहतक, गुड़गांव, फरीदाबाद, हिसार और भिवानी शामिल हैं। इस  अभियान में अभी तक 256 बच्चों को भीख मांगने से रोककर उन्हें बाल कल्याण समितियों के माध्यम से उनके अभिभावकों के संरक्षण में दिया जा चुका है। इसके बाद इस अभियान को हरियाणा के दूसरे शहरों तथा कस्बों में आगे बढ़ाया जाएगा।

यदि ऐसा कोई भी बच्चा सड़कों पर भीख मांगता दिखाई देता है तो अपराध शाखा के कर्मचारी उसे अपने संरक्षण में लेकर उसके माता-पिता तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद इस प्रकार के बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रत्येक जिले में स्थित बाल-कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाता है। बाल-कल्याण समिति उन बच्चों के अभिभावकों को समझाती है तथा उनसे यह लिखित आश्वासन लिया जाता है कि दोबारा उन बच्चों से भीख नहीं मंगवाएंगें। इस प्रकार का लिखित आश्वासन मिलने के पश्चात् बच्चों को उनके माता-पिता के संरक्षण में दे दिया जाता है। उन्हें सचेत भी किया जाता है कि यदि वें बच्चों से दोबारा भीख मंगवाते हुए मिले तो माता-पिता के विरुद्ध बाल न्याय अधिनियम की धारा 26 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई करके उन्हें गिरफतार कर लिया जाएगा और बच्चों को सरकारी संरक्षण में लेकर बाल-भवनों में भेज दिया जाएगा। इस काम में बाल कल्याण अधिकारियों तथा गैर-सरकारी संस्थाओं के स्वयं सेवकों की भरपूर मदद ली जा रही है।

        यहां यह उल्लेखनीय है कि हरियाणा में राज्य अपराध शाखा के अंतर्गत् मानव तस्करी निरोधक इकाईयां गठित की गई हैं। बचपन को सुरक्षित रखने तथा बच्चों की तस्करी रोकने के लिए इस तरह की इकाईयां पूरे राज्य में सक्त्रिय हैं। बाल कल्याण विभाग, बाल कल्याण समिति तथा श्रम विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपराध शाखा के अधिकारी बच्चों से संबधित कानूनों को लागू कर रहे हैं।

        देश में हरियाणा ही ऐसा प्रथम राज्य है जहां बाल भिखारियों की समस्या के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए पुलिस समुचित कार्रवाई कर रही है।

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