नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले चीन
के एक सरकारी अखबार ने बड़ा हमला बोला है। इसमें मोदी पर अपनी घरेलू छवि चमकाने के
लिए सीमा विवाद और चीन के खिलाफ सुरक्षा मुद्दों को लेकर चाल चलने के आरोप लगाए गए
हैं। शंघाई अकैडमी ऑफ सोशल साइंसेज में शोधकर्ता हू झियोंग ने अपने लेख में लिखा है, 'मोदी ने जब से सत्ता संभाली है, उन्होंने जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों से भारत के संबंध बढ़ाने पर जोर दिया है, ताकि देश के खराब आधारभूत ढांचे को ठीक किया जा सके और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।' चीनी मीडिया का कहना है कि हालांकि पिछले साल मोदी की
कूटनीतिक पहल ने यह साबित किया है कि मोदी दूरदर्शी नहीं, यथार्थवादी हैं।
लेख का शीर्षक है,
क्या मोदी के दौरे से चीन-भारत संबंध मजबूत होंगे?' जानकारों का मानना है कि चीन के सरकारी अखबार में छपी बातें
मोदी दौरे से पहले अनुभव को खट्टा करने वाली है। बता दें कि मोदी 14 मई से 16 मई
के बीच चीन की यात्रा पर रहेंगे। पहले से चले आ रहे टकराव और अविश्वास का हवाला देते हुए लेख में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच कभी वास्तविक रणनीतिक विश्वास नहीं बन सका। लेख के मुताबिक, 'चीन और भारत के नेताओं को न केवल आपसी राजनीतिक विश्वास को मजबूत करना चाहिए बल्कि कई सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।' लेख के मुताबिक, 'अपने राजनीतिक हितों के लिए मोदी को विवादित सीमा क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश) का दौरा नहीं करना चाहिए और न ही उन्हें ऐसी कोई टिप्पणी करनी चाहिए, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को ठेस पहुंचती हो।' लेख में आगे कहा गया है, 'भारत सरकार को दलाई लामा का समर्थन करना पूरी तरह बंद कर देना चाहिए और चीन-भारत के बीच संबंधों में रुकावट के लिए तिब्बत को मुद्दा बनाना बंद करना चाहिए।' |