राष्ट्रीय (12/05/2015) 
शहीदो की याद में हर 10 मई को होगा मेले का आयोजन-मुख्यमंत्री हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि अम्बाला छावनी में बनने वाले शहीद स्मारक पर हर वर्ष 10 मई के दिन शहीदों की याद में मेले का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के लिए शहीद क्रांतिकारी आयोजन समिति को सरकार की तरफ से जो भी मदद की जरूरत होगी, वह उन्हें मुहैया करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री सोमवार को अम्बाला शहर के सेंट्रल जेल परिसर में आयोजित शहीदी शताब्दी सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी अज्ञात शहीदों के बारे में सरकार की तरफ से जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए हरियाणा प्रदेश के हर गांव-गली में शहीदों के बारे में पता करके उनकी एक सूची तैयार की जाएगी तथा भविष्य में स्थापित किए जाने वाले संस्थानों व विकास परियोजनाओं के नाम इन शहीदों के नाम पर रखे जाएंगे। शहीद सम्मान समारोह को प्रेरणा का दिन बताते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज वे उस केन्द्रीय कारागार को देखकर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं, जहां महान क्रांतिकारियों को रखा गया था।

अपने सम्बोधन में मनोहर लाल ने कहा कि भारतवर्ष का इतिहास पांच हजार साल से अधिक का इतिहास है। कालांतर में हम मुगलो के पराधीन हुए और उसके बाद अंग्रेजो के। पराधीनता की इन जंजीरो को तोड़ने के लिए हमारे इतने शहीदों ने अपने जीवन की कुर्बानी दी, जिससे इतिहास भर गया। इन्हीं शहीदों की कुर्बानियों से गुलामी का काल तो चला गया लेकिन उसके बाद हमारी शिक्षा व्यवस्था को जानबूझ कर बिगाड़ा गया लेकिन अब केन्द्र और राज्य सरकार अपने प्रयासों से भारत को दुनिया में विश्व गुरू वही स्थान दिलवाएगी, जो प्राचीन समय में था। उन्होंने कहा कि उनके लिए हरियाणा की 2.50 करोड़ जनता एक परिवार की तरह है इसलिए इस परिवार के कल्याण के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

इस अवसर पर उन्होंने अम्बाला शहर की सड़कों के लिए 22 करोड़ रुपए तथा अम्बाला छावनी की सड़कों के लिए 14 करोड़ रुपए की राशि भी मंजूर की। इसके अलावा उन्होंने अम्बाला शहर में 17 एकड़ भूमि पर बनने वाले बस अड्डे का निर्माण कार्य भी जल्द आरम्भ करवाने की बात कही। उन्होंने इस अवसर पर अम्बाला के शहीद कांशी राम के परिजनों रितु जोश, अमन जोश और कमल जोश, शहीद बाल मुकुंद के पोत्र पवन छिब्बड, शहीद सुखदेव के वंशज अनुज थापर को सम्मानित किया।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस अवसर पर कहा कि वे अम्बाला छावनी में शहीद स्मारक स्थापित करवाने को लेकर पिछले 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। वर्ष 2000 में हरियाणा विधानसभा में उन्होंने अज्ञात शहीदों की याद में यह स्मारक स्थापित किए जाने की मांग उठाई थी। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री ने तीन बार इस स्मारक के शिलान्यास के लिए तिथि भी निर्धारित कर दी। बावजूद इसके शहीद स्मारक का शिलान्यास न हो सका। उन्होंने कहा कि देश को बिना खडग-बिना ढाल के आजादी दिलाने का गीत सही नही है क्योंकि देश को आजाद करवाने में भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव सहित 6 लाख से ज्यादा लोग शहीद हुए थे जिनमें आईएनए के 26 हजार सैनिक भी शामिल थे। विज ने कहा कि आजादी के बाद देश पर राज करने वाली कांग्रेस सरकार ने ऐसे क्रांतिकारी शहीदों के नामों को भुलाने की मुहिम में 30 हजार से ज्यादा परियोजनाआें का नाम केवल नेहरू-गांधी के नाम पर किया है। उन्होंने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई 1857 की क्रांति थी और कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी। इसलिए यह जताने के लिए कि आजादी की सारी लड़ाई कांग्रेस ने ही लड़ी, इसके लिए 1885 से पहले की लड़ाईयों के इतिहास को भी दबाने की कोशिश की गई।

Copyright @ 2019.