हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में संशोधित पूरक रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार के पुराने 468.20 करोड़ रुपये की बजाय 569.80 करोड़ के योगदान के साथ वाईएमसीए चौंक फरीदाबाद से बल्लभगढ़ तक मैट्रो के विस्तार की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई। भूमि की कीमत और परियोजना की मूल्य लागत में वृद्घि के कारण परियोजना लागत को संशोधित करके 564 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 678 करोड़ रुपये किया गया है। यह परियोजना गुड़गांव, फरीदाबाद और बहादुरगढ़, डीएमआरसी मैट्रो विस्तारों के मामले में अपनाई गई वित्त पोषण पद्घति के आधार पर क्रियान्वित की जाएगी और हरियाणा सरकार एवं भारत सरकार द्वारा 80:20 के अनुपात में वित्त उपलब्ध करवाया जाएगा। केन्द्रीय करों को भी हरियाणा सरकार और भारत सरकार द्वारा 20:80 के अनुपात में अधीनस्थ ऋण के रूप में दिया जाएगा।इसकी कुल लम्बाई 3.205 किलोमीटर होगी और इसमें दो स्टेशन, एनसीबी कॉलोनी और बल्लबगढ़ होंगे। वर्ष 2017-18 में दैनिक यात्रियों की संख्या 0.37 लाख होगी। परियोजना की आधारशिला 22 जून, 2014 को पहले ही रखी जा चुकी है और इसके दिसम्बर, 2017 तक पूरा होने की संभावना है जबकि पहले इसे मार्च, 2017 तक पूरा किया जाना था। हरियाणा सरकार ने अपने पत्र दिनांक 19 दिसम्बर ,2014 के माध्यम से डीएमआरसी को कार्य को आगे शुरू करने की अनुमति प्रदान की और इस परियोजना के संबंध में सिविल कार्यों के लिए स्वीकृति पत्र जारी किया। डीएमआरसी ने 198.78 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों को करने का अनुबंध 22 दिसम्बर, 2014 को मैसर्ज लार्सन एवं टुबरों को दिया। अपने विज्ञापनों को प्रदर्शित करने से पूर्व प्रासंगिक नियम के तहत सभी स्वीकृतियां प्राप्त करना और सभी फीस, जहां कहीं लागू हैं, जमा करने का दायित्व डीएमआरसी का होगा। मंत्रिमण्डल ने हरियाणा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जल वैज्ञानिक एवं भूभौतिकीविज्ञ (ग्रुप ख) सेवाएं- 2012 के सेवा नियमों में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियम 2015 में मौखिक परीक्षा के अंक 200 से घटा कर 100 कर दिये गए है। |