राष्ट्रीय (09/05/2015) 
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मोरनी हिल्ज का किया दौरा

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि मोरनी हिल्ज में बनाए जा रहे 'वर्ल्ड हर्बल फॉरेस्ट' के आस-पास के किसानों को ऑरगेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि यहां दुनियाभर से आने वाले प्रर्यटकों को एक और अच्छा विकल्प मिल सके।विज ने आज पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के आचार्य बालकृष्ण, डॉ० जयदीप आर्य व उनकी टीम के दर्जनों सदस्यों के साथ मोरनी हिल्ज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गांव थापली, मोरनी, खेडा बागडा, थाना, भूडी तथा बहलों के जंगलों तथा मोरनी क्षेत्र के जंगलों का दौरा किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हर्बल फॉरेस्ट के आस-पास के किसानों को आरगेनिक खेती, आरगेनिक सब्जियां, मधुमक्खी पालन सहित अनेक लाभकारी खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे यहां के किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। इसके अलावा स्थानीय किसानों को कायाकल्प जैसे प्राकृतिक  चिकित्सा पद्धति के लिए भी प्रशिक्षण देने पर विचार किया जा रहा है ताकि फारेस्ट में आने वाले लोगों को भी इससे लाभ मिल सके। 

विज ने कहा कि मोरनी क्षेत्र को हर्बल फारेस्ट के साथ-साथ ऐडवैंचर्स खेलों के तौर पर भी विकसित किया जाएगा जिससे हर्बल पर्यटक  व ऐडवैंचर्स खेलों से जुडे खिलाडी भी इस क्षेत्र का दौरा करने की इच्छा रखें। मोरनी में पैरागलाईडिंग जैसे ऐडवेंचर स्पोटर्स को भी बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोरनी वन क्षेत्र में देश में पैदा हो सकने वाले करीब 25 हजार औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इनकी देख-रेख तथा पानी की सुविधाओं को पूरा करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाएगी। जंगली जानवरों से पौधों की रक्षा हेतु तारबंधी की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हर्बल फोरेस्ट में विभिन्न बीमारियों तथा शरीर के अंगों में काम आने वाले पौधों के लिए थीम पार्क विकसित किए जाएंगे तथा विभिन्न कलस्टरों में पानी की सुविधा के लिए छोटे बांधों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पंचकूला में बनाए जा रहे प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र का समन्वय भी स्थापित किया जाएगा।

आचार्य बालकृष्ण ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा मोरनी में बनाए जा रहे वर्ल्ड हर्बल फारेस्ट अपनी तरह का दुनिया का अदभुत प्रोजैक्ट होगा, जिसमें दुनिया भर से पर्यटक इस स्थान को देखने के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि विश्व के लोग यदि  इस हर्बल फोरेस्ट को गूगल पर सर्च करेंगे तो यह हरियाणा के मोरनी में दिखाई देगा और इसकी विधिवत घोषणा के साथ ही यह गिनीज बुक में अपना स्थान बना लेगा।

आचार्य ने कहा कि पौधों के संरक्षण एवं सर्वधन, जीन बैंक और शोध कार्यों के लिए मोरनी बेहद कारगर स्थल साबित होगा क्योंकि यहां कई औषधीय जड़ी-बूटियां पहले से ही पाई जाती हैं तथा शेष हजारों बूटियों तथा औषधीय पौधों को लगा कर इसे नये रूप में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोरनी हिल्ज में हरड, सूखी हल्दी, काली हल्दी, शतावर, अश्वगंधा, सर्पगंधा सहित सैंकडों औषधिय पौधे पहले से विकसित हैं। इनकी उचित मात्रा में पैदावार भी की जा सकती है।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हरियाणा सरकार तथा वन विभाग के अधिकारी इस प्रोजैक्ट को पूरा करने के लिए गंभीरता से कार्य कर रहे हैं तथा उनके पास मौजूदा करीब साढे चार सौ औषधीय पौधों की सूची तैयार की जा चुकी है परंतु पतंजलि योग पीठ के सहयोग से इस पूरे वन क्षेत्र में लगे सभी पौधों की सूची बनाई जाएगी।

आचार्य ने कहा कि यह विभाग की अच्छी सोच का परिणाम है कि उन्होंने पहले से ही इस दिशा में बेहतर परियोजना तैयार की है जिनमें किडनी रोग, शुगर, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर एवं अन्य बीमारियों से संबंधित हर्बल हब बनाए जाने पर विचार किया गया है। फारेस्ट में विभिन्न बीमारियों के नाम से रास्ते बनाए जाएंगे और झोपडियों से फारेस्ट को नया रूप दिया जाएगा।

इस परियोजना में व्यवस्था की गई है कि घग्गर नदी से पानी लिफ्ट करके पहाडि़यों की ऊंची चोटियों पर पहुंचाया जाएगा, जहां पर टंकियों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि हर्बल पौधों को पानी मिल सके। इसके साथ इन टंकियों में पौधों को खाद देने के लिए टंकियों में खाद मिलाई जाएगी, ताकि पौधों तक यह खाद पहुंचाई जा सके। योजना में व्यवस्था की गई है कि उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक विभाग से तालमेल करके आयुर्वेदिक हब भी बनाए जाएंगे। परियोजना में चेतना केंद्र की व्यवस्था की जाएगी। जिन व्यक्तियों विशेषकर बुजुर्गाें एवं स्कूल-कालेज के बच्चों के पास समय कम होता है, ऐसे लोगों के लिए एक एकड़ में चेतना केंद्र की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ-साथ लोगों की जानकारी एवं जागरूक करने के लिए होर्डिंगस और सूचना पट भी लगाए जाएंगे।  रज्जी टीकरी के किसान टीका सिंह ने आचार्य को मोरनी क्षेत्र में पैदा होने वाली हरड और सोंठ के सैंपल दिखाए।

इस अवसर पर पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, कालका की विधायक लतिका शर्मा, आयुष विभाग के महानिर्देशक गुलशन आहूजा, वन संरक्षक एमपी शर्मा, आईएफएस, हरियाणा, हरियाणा शिवालिक विकास बोर्ड के सदस्य शाम लाल बंसल, उपमण्डल अधिकारी ना० पंचकूला हेमा शर्मा, अतिरिक्त वन संरक्षक एस०के० चौहान, जिला पार्टी उपाध्यक्ष विजय कालिया, डी पी सोनी सहित अनेक विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा पतंजलि योग पीठ के औषधीय वैज्ञानिक एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

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