राष्ट्रीय (08/05/2015) 
हवाई किरायों की ' मनमानी' पर संसद में चिंता

नई दिल्ली । राज्यसभा में गुरुवार को सत्तारुढ़ बीजेपी सहित विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा हवाई किरायों के 'मनमाना' होने और इसमें भारी असमानता को लेकर चिंता जताई। इस बीच नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने इसे जटिल स्थिति बताते हुए कहा कि इसका हल आसान नहीं है। उन्होंने हालांकि सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह उनकी चिंता समझते हैं और इसके हल का तरीका खोजने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हवाई किरायों का निर्धारण सरकार नहीं करती और घरेलू विमानन कंपनियों की किराया नीति विश्व भर में अपनायी जाने वाली परिपाटी की तर्ज पर है।

राजू ने कहा कि जटिल स्थिति का आसान जवाब नहीं होता। हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि वह सदस्यों के विचार को समझते हैं और इसके हल का तरीका खोजने का प्रयास किया जाएगा। अशोक गजपति राजू देश के विभिन्न गंतव्यों के लिए विमानन कंपनियों के किरायों में भारी असमानता के संबंध में सपा सदस्य नरेश अग्रवाल द्वारा लाए गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, एसपी, माकपा, भाकपा, जेडीयू के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा कि हवाई किरायों का निर्धारण सरकार द्वारा नहीं किया जाता क्योंकि ये बाजार ताकतों के पारस्परिक प्रभाव द्वारा निर्धारित होते हैं। उन्होंने कहा कि विमानन कंपनियां वायुयान नियमावली 1937 के नियम 135 के तहत औचित्यपूर्ण टैरिफ निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं।

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