राष्ट्रीय (08/05/2015) 
जघन्य अपराध करने पर किशोरों पर चलेगा व्यस्क कानूनों के तहत मुकदमा

नई दिल्ली । 16 से 18 वर्ष के किशोर आरोपियों पर अब व्यस्क कानून के तहत मुकदमता चलाया जाएगा। गुरूवार को लोकसभा में इस आशय का विधेयक जुवेनाइल जस्टिस एक्ट पारित कर दिया गया। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक 16-18 वर्ष के आयुवर्ग में अपराधों की संख्या में इजाफा हुआ है। खासतौर पर जघन्य अपराधों वाली श्रेणी में।

लोकसभा में पारित जुवेनाइल जस्टिस एक्ट वर्तमान एक्ट 2002 का स्थान लेगा। इस विधेयक में सरकार की ओर से करीब 42 संशोधन पेश किए गए। नए बिल में नए अपराधों को भी शामिल किया गया है। इनमें गैरकानूनी गोद लेना, स्कूलों में शारीरिक दण्ड, आतंकी संगठनों द्वारा बच्चों का उपयोग और निशक्त बच्चों के खिलाफ किए गए अपराध शामिल हैं। इस संशोधित बिल में गोद लेने की प्रथा को भी व्यवस्थित किया गया है।

संशोधित बिल के मुताबिक 16-18 वर्ष की आयु के किशोर के जघन्य अपराध करने पर अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा यह देखा जाएगा कि अपराध बच्चे की तरह किया गया या फिर व्यस्क की तरह। इसी के अनुसार मुकदमा बोर्ड आगे बढ़ाया जाएगा। इस बोर्ड में मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विशेषज्ञ होंगे।

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